कश्मीर पर घर में घिरे इमरान खान, सत्ता से हटाने की तैयारी में जुटा विपक्ष

संयुक्त विपक्ष की रहबर कमेटी को एक सप्ताह के अंदर मांग पत्र तैयार करने के लिए कहा गया है, ताकि इस्लामाबाद जाने से पहले उनके हाथों में कुछ हो. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज  के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने कॉन्फ्रेंस में हिस्सा नहीं लिया.

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इमरान खान (फाइल फोटो) इमरान खान (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 7:57 PM IST

  • कश्मीर पर अपने ही घर में घिरे इमरान
  • विपक्ष ने लगाया कश्मीर बेचने का आरोप
  • सत्ता से बेदखल करने के लिए एकजुट हुआ विपक्ष

पाकिस्तान के संयुक्त विपक्ष के मल्टी-पार्टी कॉन्फ्रेंस (एमपीसी) ने इमरान सरकार पर अंतर्राष्ट्रीय साजिश के तहत कश्मीर को बेचने का आरोप लगाया है और इमरान सरकार को गिराने के लिए जल्द ही राष्ट्रीय राजधानी को घेरने की चेतावनी दी है.

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समाचार पत्र डॉन में मंगलवार को प्रकाशित रपट के अनुसार, एमपीसी के संयोजक और जमीयत उलेमा-ए इस्लाम-एफ (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'सभी विपक्षी दलों ने इस्लामाबाद जाने का निर्णय लिया है.'

उन्होंने कहा कि संयुक्त विपक्ष की रहबर कमेटी को एक सप्ताह के अंदर मांग पत्र तैयार करने के लिए कहा गया है, ताकि इस्लामाबाद जाने से पहले उनके हाथों में कुछ हो. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग - नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने कॉन्फ्रेंस में हिस्सा नहीं लिया.

हालांकि इन दो मुख्य विपक्षी दलों के नेता कॉन्फ्रेंस में मौजूद रहे. इन नेताओं में पीपीपी के फरहतुल्ला बाबर, शेरी रहमान और नय्यर हुसैन बुखारी और पीएमएल-एन के सरदार अयाज सादिक, ख्वाजा आसिफ और अहसान इकबाल मौजूद रहे. अहसान इकबाल और नय्यर हुसैन बुखारी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मौलाना फजल ने कहा कि संयुक्त समिति की रहबर कमेटी 26 अगस्त को मांगपत्र लेकर आएगी और अगली एमपीसी की बैठक 29 अगस्त को होगी, जिसमें प्रमुख विपक्षी पार्टियों के अध्यक्ष मांगपत्र में दी गईं मांगों की समीक्षा करेंगे.

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उन्होंने कहा, 'संयुक्त विपक्ष ने आज अभियान छेड़ दिया है, जो सरकार को गिराकर ही रुकेगा.' भारत अधिकृत कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त किए जाने के बारे में पूछे जाने पर मौलाना फजल ने कहा कि सरकार ने एक अंतर्राष्ट्रीय साजिश के तहत कश्मीर को बेच दिया है.

उन्होंने कहा, 'मौजूदा स्थिति को देखते हुए इस आशंका को बल मिलता है कि कश्मीर के संबंध में निर्णय पिछले महीने प्रधानमंत्री इमरान खान की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से हुई मुलाकात के दौरान लिया गया होगा कि यदि भारत कश्मीर के भविष्य में कोई बदलाव करता है तो पाकिस्तान उस पर चुप रहेगा.'

मौलाना ने कहा, 'आज पाकिस्तान के लोग और कश्मीर के लोग एक अंतर्राष्ट्रीय साजिश के शिकार हुए हैं, जिसमें सरकार हिस्सेदार है. हमारे शासकों ने कश्मीरियों के पीठ में छुरा घोपा है.'

गौरतलब है कि भारत सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू एवं कश्मीर को प्रदत्ता विशेष दर्जे को समाप्त कर दिया है और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया है। जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा होगी, जबकि लद्दाख बगैर विधानसभा के होगा.

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