संसद के मॉनसून सत्र में नरेंद्र मोदी सरकार को एकजुट होकर घेरने की तैयारी में विपक्ष जुटा है. विपक्ष साथ ही ये आशंका भी जता रहा है कि सत्ता पक्ष इस महत्वपूर्ण सत्र से कन्नी काटना चाहता है. विपक्षी दलों के नेता जल्द ही मॉनसून सत्र पर साझा रणनीति बनाने के लिए बैठक करने वाले हैं. इसमें राज्यसभा के उपसभापति की नियुक्ति के मुद्दे पर भी विचार होगा.
इस पद के लिए विपक्ष अपना संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करने की तैयारी में है. फिलहाल विपक्षी उम्मीदवार के तौर पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सुखेन्दु शेखर रॉय पर सहमति बनती दिखाई दे रही है. हालांकि इस बारे में अंतिम फैसला 16 या 17 जुलाई को दिल्ली में होने वाली विपक्षी दिग्गजों की बैठक में लिया जाएगा. राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद की ओर से ये बैठक बुलाई जा रही है.
राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा, 'सरकार और विपक्ष में कोई संवाद नहीं है. उन्होंने हमसे संपर्क की कोशिश नहीं की. सरकार आम सहमति में नहीं बस टकराव में विश्वास रखती है. प्रधानमंत्री संसद की प्रक्रिया से बचना चाहते हैं. हम उनका माइंडसेट जानते हैं. 16-17 जुलाई को होने वाली बैठक में विस्तार से अपनी रणनीति तैयार करेंगे.'
इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संसद के दोनों सत्रों में उठाए जाने वाले मुद्दों को लेकर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं. कांग्रेस संसद में मॉब लिंचिंग, महिलाओं के खिलाफ अपराध, अर्थव्यवस्था की स्थिति, किसानों की समस्याएं, कश्मीर के हालात, बेरोजगारी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को सोशल मीडिया पर ट्रोल किए जाने जैसे मुद्दे उठाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए पार्टी की ओर से नोटिस भी दिया जाना शुरू हो गया है.
विपक्ष का आरोप है कि सरकार लोगों के हित से जुड़े मुद्दों पर संसद में जवाब देने से बचना चाहती है. ऐसे में विपक्ष को आशंका है कि कहीं संसद का ये सत्र अहम मुद्दों पर चर्चा के बिना ही खत्म ना हो जाए.
आनंद शर्मा कहते हैं, 'हम मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं. विभिन्न मुद्दों पर हमारे नोटिस लंबित पड़े हैं. हम सरकार से अपील कर रहे हैं कि वो टकराव वाले रुख को छोड़ दे और बड़े हित में संसद को चलने की अनुमति दे. इसे संसद के सत्र को वॉशआउट नहीं होने देना चाहिए. हम चाहते हैं कि संसद के दोनों सत्र चलें.'
राम कृष्ण / खुशदीप सहगल / सुप्रिया भारद्वाज