कश्मीर में 4 महीने का राशन इकट्ठा करने की खबरों पर रेलवे ने दी सफाई

कश्मीर में रेलवे के पत्र और उमर अब्दुल्ला के ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें घाटी में स्थिति बिगड़ने बात की जा रही है. हालांकि, अब एसएसपी रेलवे कश्मीर ने इस पर सफाई दे दी है. इस पत्र को रेलवे ने निराधार बताया है.

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पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (फाइल फोटो- AajTak) पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (फाइल फोटो- AajTak)

सिद्धार्थ तिवारी

  • नई दिल्ली,
  • 28 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 11:51 PM IST

कश्मीर में कुछ होने जा रहा है इसको लेकर अफवाहों का बाजार गर्म है, ऐसे में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि घाटी के लोगों पर यह तोहमत लगाना आसान है कि वह डर फैला रहे हैं लेकिन ऐसे आधिकारिक आदेश का क्या करें जिसमें कश्मीर घाटी में कानून व्यवस्था बिगड़ने की बिना पर तैयारियों की बात की जा रही है और इस तरीके की भविष्यवाणी की जा रही है. उन्होंने यह सवाल पूछा कि सरकार खामोश क्यों है? बता दें कि जिस सरकारी आदेश की उमर अब्दुल्ला बात कर रहे थे वह उन्होंने अपने ट्वीट में भी संलग्न किया है.

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उमर अब्दुल्ला ने अपने ट्वीट में जो कागज लगाया है वह दरअसल आरपीएफ के एक अधिकारी ने जारी किया था. उस कागज में रेलवे अधिकारियों की एक बैठक का हवाला दिया गया है.

पत्र में कहा गया, 'विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों और एसएसपी जीआरपी श्रीनगर से मिले इनपुट के आधार पर कश्मीर घाटी में स्थिति बिगड़ने जा रही है. कानून व्यवस्था में यह स्थिति लंबे समय तक खराब रहेगी. लिहाजा रेलवे के स्टाफ और अधिकारियों को कश्मीर घाटी में कई एहतियात बरतने पड़ेंगे.'

एहतियातन सुरक्षा उपायों में कहा गया, '4 महीने का राशन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पहले से जमा कर लिया जाए. 7 दिनों के लिए पीने के पानी का बंदोबस्त कर के देख लिया जाए. रेलवे स्टाफ को कहा गया कि अपना पिट्ठू बैग तैयार रखें जिसमें खाने पीने का सामान, पीने का पानी, चॉकलेट और पैसा इत्यादि रखा हो.'

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इसी के साथ यह भी कहा गया कि वाहनों को पूरी तरीके से ईंधन भरवा कर रखा जाए. साथ ही साथ गैराज में ऐसी जगह पर रखा जाए जिससे उन पर कोई हमला न कर सके. इसके अलावा एक और महत्वपूर्ण बात कही गई कि स्टाफ को ताकीद किया जाता है कि भीड़ के साथ कोई समझौता न करें, स्टेशन के पास या रेलवे संस्थानों के पास भीड़ को जमा होने ना दिया जाए, क्योंकि ऐसा हो सकता है कि इसमें आतंकवादी छिपकर हमला कर दे. इसके अलावा कहा गया कि जब ट्रेनों की आवाजाही ठप हो तो ट्रेनों को लॉक करके सुरक्षित स्थानों पर रखा जाए.

उमर अब्दुल्ला ने जैसे ही रेलवे के ऑर्डर वाले कागज को ट्वीट किया उसके थोड़ी देर बाद एसएससी रेलवे कश्मीर ने एक पत्र जारी कर साफ कर दिया गया कि उनसे इस बारे में ना तो लिखित में ना मौखिक रूप में आरपीएफ के अधिकारी की कोई बात हुई है. उन्होंने कहा कि ऐसी कोई इंफॉर्मेशन उन्होंने संबंधित एजेंसी से शेयर नहीं की है. साथ ही साथ आरपीएफ को लिखे गए पत्र में एसएसपी ने कहा यह मामला गंभीर है और भविष्य में इस तरीके के किसी भी कृत्य से दूर रहा जाए.

कश्मीर घाटी में रेलवे के पत्र और उमर अब्दुल्ला के ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. साथ ही साथ एसएसपी रेलवे कश्मीर का भी इस पर जवाब आ चुका है. उसके बाद रेलवे की नींद टूटी और उन्होंने अपनी सफाई जारी की.

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रेलवे के आधिकारिक बयान के मुताबिक, सीनियर डिविजनल सिक्योरिटी कमिश्नर 1 साल की स्टडी लीव पर 26 जुलाई को जा चुके हैं. इस वजह से उनके बाद के अधिकारी ने अपने परसेप्शन के आधार पर यह पत्र जारी किया है जिसका कोई आधार नहीं है ना ही यह अधिकारी इस तरीके का पत्र जारी करने का अधिकार रखते हैं. रेलवे ने साफ किया है कि यह पत्र उच्च अधिकारियों से बगैर अनुमति लिए जारी किया गया है जिसका कोई आधार नहीं है. इस वजह से आईजी नॉर्दर्न रेलवे आरपीएफ को कश्मीर भेजा जा रहा है, जो इस स्थिति का जायजा लेंगे और इस बारे में एक्शन लेंगे.

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