ओला, उबर के ड्राइवर क्या उनके कर्मचारी हैं, उच्च न्यायालय करेगा फैसला

क्या एप आधारित टैक्सी सेवा देने वाली ओला और उबर के ड्राइवर या चालक इन कंपनियों के कर्मचारी हैं? दिल्ली उच्च न्यायालय में आज यह सवाल उठा.

Advertisement
यह मुद्दा ड्राइवरों की यूनियन ने उठाया था यह मुद्दा ड्राइवरों की यूनियन ने उठाया था

BHASHA

  • नई दिल्ली,
  • 08 मई 2017,
  • अपडेटेड 10:29 PM IST

क्या एप आधारित टैक्सी सेवा देने वाली ओला और उबर के ड्राइवर या चालक इन कंपनियों के कर्मचारी हैं? दिल्ली उच्च न्यायालय में आज यह सवाल उठा. उच्च न्यायालय ने इस मुद्दे पर केंद्र का रख जानना चाहा है. न्यायमूर्ति संजीव सचदेव ने केंद्र सरकार के अलावा दिल्ली सरकार, उबर और ओला नाम से कैब सेवाएं देने वाली एएनआई टेक्नोलॉजीज को भी नोटिस दिया है और इस पर 10 अगस्त तक उनका जवाब मांगा है. यह मुद्दा ड्राइवरों की यूनियन ने उठाया था.

Advertisement

दिल्ली कमर्शियल ड्राइवर यूनियन ने आरोप लगाया था कि दोनों कंपनियां ड्राइवरों के साथ अपने कर्मचारी की तरह बर्ताव नहीं कर रही हैं और उनका शोषण कर रही हैं. यूनियन का दावा है कि डेढ़ लाख ड्राइवर उसके सदस्य हैं.

यूनियन ने अपनी याचिका में कहा कि वेतन और सेवा शर्तों के मामले में ड्राइवरों का शोषण किया जा रहा है. उन्हें दुर्घटना या मृत्यु के मामलों में मुआवजे जैसे लाभों से वंचित किया जा रहा हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement