एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) के समन्वयक ने मसौदा सूची में रोहिंग्या प्रवासी की रिपोर्टों को खारिज कर दिया है. एनआरसी असम के समन्वयक प्रतीक हजेला ने सोमवार को NRC के मसौदे में रोहिंग्या प्रवासी को शामिल करने की मीडिया रिपोर्ट्स को 'झूठा' और 'आधारहीन' बताया.
21 और 22 जुलाई को NRC ड्राफ्ट में रोहिंग्या प्रवासी को शामिल करने के बारे में मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए, हजेला ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि इन मीडिया रिपोर्टों में आलम हुसैन मजूमदार नामक एक व्यक्ति का उल्लेख किया गया है, जिसे हाल ही में कछार में गिरफ्तार किया गया और उसे अवैध रोहिंग्या प्रवासी बताया गया.
हजेला ने कहा कि आलम हुसैन मजूमदार को एनआरसी में शामिल करने की खबर पूरी तरह से झूठी है. आलम हुसैन मजूमदार को एनआरसी में शामिल नहीं किया गया है. उनको सत्यापन में अयोग्य पाया गया है और उसके जन्म प्रमाण पत्र को फर्जी पाया गया है.उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया ने एनआरसी अथॉरिटी से सत्यापन किए बिना ही आलम हुसैन मजूमदार की खबर को प्रकाशित कर दी.
इससे पहले शुक्रवार को एनआरसी के समन्वयक प्रतीक हजेला ने सुप्रीम कोर्ट को दो रिपोर्ट सौंपी. हजेला ने शीर्ष कोर्ट से कहा कि NRC के माध्यम से पीढ़ियों के रिकॉर्ड को भी सत्यापित किया जा रहा है. एनआरसी के समन्वयक ने बताया कि 36 लाख दावेदारों का सत्यापन हो चुका है. ऐसे लोगों के साथ सत्यापन में उनके परिवार के सदस्यों को भी शामिल किया गया है.
aajtak.in