मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से एक दिन पहले TDP में बगावत

टीडीपी सांसद जेसी दिवाकर रेड्डी ने अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली बहस और वोटिंग से दूर रहने का ऐलान कर दिया है. सांसद के इस रवैये पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायक ने अपने सभी सांसदों को एक पत्र लिखा है.

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चंद्रबाबू नायडू चंद्रबाबू नायडू

राहुल विश्वकर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 19 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 12:55 PM IST

मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली टीडीपी में ही सारे सांसद इसके पक्ष में नहीं दिख रहे हैं. टीडीपी के एक सांसद ने पार्टी लाइन से हटते हुए बगावती तेवर अख्तियार कर लिया है.

दरअसल टीडीपी सांसद जेसी दिवाकर रेड्डी ने अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली बहस और वोटिंग से दूर रहने का ऐलान कर दिया है. सांसद के इस रवैये पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायक ने अपने सभी सांसदों को एक पत्र लिखा है.

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पत्र में नायडू ने सभी अपने सांसदों से अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सदन में उपस्थित रहने और वोटिंग करने के लिए कहा है. इसके साथ ही नायडू ने अन्य सांसदों से भी अविश्वास प्रस्ताव के दौरान होने वाली बहस में हिस्सा लेने की अपील की है.  

सांसदों को लिखी चिट्ठी में नायडू ने कहा है कि बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के बर्ताव के खिलाफ उनकी पार्टी दोबारा इस मॉनसून सत्र में अविश्वास प्रस्ताव ला रही है. लोकसभा स्पीकर ने उनके प्रस्ताव को मंजूर करते हुए शुक्रवार को इस पर चर्चा और वोटिंग का दिन तय किया है. नाडयू से सभी सांसदों से अपील की है कि वे इस बहस में हिस्सा लें और टीडीपी का समर्थन करते हुए वोटिंग करें.

गौरतलब है कि टीडीपी आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जे की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला रही है. लोकसभा में फिलहाल बीजेपी के पास अकेले 273 सांसद हैं, जबकि बहुमत के लिए उसे 272 सांसदों का आंकड़ा चाहिए. ऐसे में बीजेपी के पास बहुमत से एक सदस्य ज्यादा है. लेकिन मौजूदा समय में बीजेपी के कई सांसद बागी रुख अख्तियार किए हुए हैं. इनमें शत्रुघ्न सिन्हा, कीर्ति आजाद और सावित्री बाई फुले शामिल हैं.

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545 सदस्यों वाली लोकसभा में मौजूदा समय में 535 सांसद हैं. यानी बीजेपी को बहुमत हासिल करने के लिए महज 268 सांसद चाहिए होंगे. बीजेपी के अभी 273 सदस्य हैं. इसके अलावा बीजेपी के सहयोगी दलों शिवसेना के 18, एलजेपी के 6, अकाली दल के 4 और अन्य के 9 सदस्य हैं. इस तरह से कुल संख्या 310 पहुंच रही है. ऐसे में बीजेपी को अविश्वास प्रस्ताव को गिराने और सरकार को बचाने में कोई दिक्कत नहीं होने वाली.

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