आत्मनिर्भर भारत के लिए गडकरी का फॉर्मूला, आयात का विकल्प तलाशें, कम करें लागत

नितिन गडकरी ने कहा कि एक अध्ययन के मुताबिक चीन के टॉप 10 सेक्टर का निर्यात ही उसके कुल एक्सपोर्ट का 70 फीसदी हिस्सा है. हमें चीन से भारत आयात की जाने वाली वस्तुओं की पहचान करनी चाहिए.

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केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (फोटो-पीटीआई) केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (फोटो-पीटीआई)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 9:34 AM IST

  • 'चीनी आयात का विकल्प तलाशें'
  • 'चीन का 70 फीसदी निर्यात 10 सेक्टर से'
  • शहरों से गांवों की ओर शिफ्ट हो आबादी
चीन से व्यापार संतुलन अपने पक्ष में करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार लगातार काम कर रही है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि आत्मनिर्भर भारत के लिए भारत को घरेलू उत्पादन पर जोर देने की जरूरत है. गडकरी ने कहा कि देश के छोटे एवं मझोले कारोबारों को आयात का विकल्प तलाशना चाहिए और लागत कम करने पर ध्यान देना चाहिए.

केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी उद्योग संगठन सीआईआई द्वारा आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम 'भारत@75 शिखर सम्मेलन - मिशन 2022’ को संबोधित कर रहे थे.

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नितिन गडकरी ने कहा कि एक अध्ययन के मुताबिक चीन के टॉप 10 सेक्टर का निर्यात ही उसके कुल एक्सपोर्ट का 70 फीसदी हिस्सा है. हमें चीन से भारत आयात की जाने वाली वस्तुओं की पहचान करनी चाहिए. केंद्रीय मंत्री ने कहा, "आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ाने के लिए हमें जो पहली चीज करनी चाहिए वो ये है कि हमें हमारे MSME और उद्योगों के लिए आयात का विकल्प तलाशना चाहिए, उत्पाद की कीमतों को प्रतिस्पर्द्धात्मक रखना चाहिए और प्रदूषण पर ध्यान देना चाहिए.

स्मार्ट गांव और स्मार्ट शहर में शिफ्ट हो आबादी

गडकरी ने देश के औद्योगिक जगत से निवेदन किया कि वे महानगरों और विकसित शहरों से हटकर ग्रामीण, दूर-दराज और आदिवासी क्षेत्रों के विकास पर ध्यान दें.

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उन्होंने कहा कि इस वक्त गरीबी उन्मूलन और रोजगार के अवसर पैदा करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है. MSME सेक्टर की दिक्कतों का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा कि इस सेक्टर ने देश में 11 करोड़ नौकरियां पैदा की हैं, बावजूद इसके इन कंपनियों को लिस्टिंग में दिक्कत होती है.

उन्होंने कहा कि देश के सामने लक्ष्य ये होना चाहिए कि बड़े शहरों से आबादी को नए और स्मार्ट शहरों और स्मार्ट गांवों की ओर शिफ्ट किया जाए. इसके लिए छोटे शहरों और गांवों में रोजगार के अवसर पैदा करने की जरूरत है.

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