शिक्षा में सुधार के लिए नीति आयोग के सुझाव, दोगुना खर्च करे सरकार

नीति आयोग ने शिक्षा के स्तर में व्यापक बदलाव के लिए कुछ अहम सुझाव दिए हैं. सरकार से शिक्षा पर जीडीपी का खर्च दोगुना करने के साथ ही अध्यापकों और छात्रों के लिए भी समय-समय पर विशेष परीक्षण करने की बात कही है.

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नीति आयोग (सांकेतिक तस्वीर, फोटो-ट्विटर) नीति आयोग (सांकेतिक तस्वीर, फोटो-ट्विटर)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 9:56 AM IST

नीति आयोग ने 2022 तक शिक्षा पर जीडीपी का प्रतिशत दोगुना कर कम से कम छह फीसदी करने की हिमायत की है. साथ ही, शिक्षकों के लिए कठिन योग्यता जांच के जरिए न्यूनतम मानदंड जैसे सुधार भी शिक्षा क्षेत्र में लागू करने का समर्थन किया है.

फिलहाल, शिक्षा के क्षेत्र में केंद्र और राज्यों का आवंटन जीडीपी के तीन फीसदी के करीब है, जबकि विश्व बैंक के मुताबिक इसकी वैश्विक औसत 4.7 फीसदी है.

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नीति आयोग ने अपनी ‘स्ट्रेटजी फॉर न्यू इंडिया @ 75’ बुधवार को जारी कर यह संस्थानों को मान्यता देने के लिए एक पारदर्शी और कठिन योग्यता जांच विकसित करने के लिए एक समिति गठित करने की सिफारिश की. इसे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जारी किया.

आयोग ने कहा कि विशेष रूप से तैयार एक एप्टीट्यूड टेस्ट नौवीं कक्षा में अवश्य ही कराई जाए और इसकी जांच 10वीं कक्षा में फिर से की जाए, जिसके आधार पर छात्रों को ‘नियमित’ ट्रैक बनाम ‘एडवांस ट्रैक’ का विकल्प चुनने दिया जाएगा. ये दोनों ट्रैक कठिनाई के स्तर और विषयों की पसंद के मामले में एक-दूसरे से अलग होंगे. यह प्रणाली कुछ विकसित देशों में अपनाई गई है.

 

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