नीरव मोदी के बाद PNB घोटाले के केंद्र में है गोकुलनाथ शेट्टी, फर्जी तरीके से दिए LoU

आजतक की टीम जब इस पते पर पहुंची तो सुजाता नाम की बिल्डिंग के आठ नंबर के कमरे में एक शख्स मिला जिसने बताया कि वो शेट्टी का किराएदार है. उक्त शख्स करीब एक साल से यहां रह रहा है.

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नीरव मोदी और सोनम कपूर नीरव मोदी और सोनम कपूर

स्वप्निल सारस्वत / नंदलाल शर्मा

  • मुंबई ,
  • 16 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 5:58 PM IST

13,400 करोड़ के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में नीरव मोदी के बाद जो दूसरा शख्स केंद्र में हैं वो है गोकुलनाथ शेट्टी. इस घोटाले में शेट्टी की भूमिका ने पूरे बैंकिंग सिस्टम पर सवाल उठा दिए हैं. शेट्टी पिछले साल मई में पंजाब नेशनल बैंक से डिप्टी मैनेजर के पद से रिटायर हुआ था. एफआईआर में दिए शेट्टी के पते के मुताबिक मुंबई के बोरीवली में रहता था.

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आजतक की टीम जब इस पते पर पहुंची तो सुजाता नाम की बिल्डिंग के आठ नंबर के कमरे में एक शख्स मिला जिसने बताया कि वो शेट्टी का किराएदार है. उक्त शख्स करीब एक साल से यहां रह रहा है. शेट्टी को वो किराया चेक के जरिए देता है लेकिन उसे नहीं मालूम कि शेट्टी कहां रहता है. बिल्डिंग सेक्रेटरी के मुताबिक शेट्टी 7-8 साल पहले यही रहता था, लेकिन बाद में वो किसी दूसरी जगह शिफ्ट हो गया.

शेट्टी ने नीरव मोदी की कंपनियों को फर्जी तरीके से LoU दिए

प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक पंजाब नेशनल बैंक के डिप्टी मैनेजर रहे गोकुलनाथ शेट्टी ने नीरव मोदी की कंपनियों को फर्जी तरीके से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग दिया. गोकुलनाथ शेट्टी ने अपने दूसरे साथी अफसर मनोज खरात के साथ मिलकर ये फर्जीवाड़ा किया. और पकड़ में आने से बचने के लिए बैंक के दस्तावेजों में नीरव की कोई एंट्री भी नहीं की.

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लेटर ऑफ अंडरटेकिंग किसी बैंक की अंतरराष्ट्रीय शाखा की तरफ से जारी किया जाता है. इस लेटर के आधार पर बैंक, कंपनियों को 90 से 180 दिनों तक के शॉर्ट टर्म लोन मुहैया कराते हैं. इसी एलओयू के आधार पर इलाहाबाद बैंक, यूनियन बैंक और स्टेट बैंक, जैसे बैंकों की विदेशी शाखाओं ने नीरव मोदी को डॉलर में लोन दे दिए. बैंकों को चूना लगाकर हजारों करोड़ रुपया पहले विदेशी फर्मों के खाते में भेजा गया और इसके बाद वो नीरव मोदी से ताल्लुक रखने वाली कंपनियों में पहुंच गया.

नीरव मोदी के लिए ताक पर रखे नियम

छोटे से छोटा कर्ज देने के लिए भी बैंक आम आदमी से दस्तावेजों का पुलिंदा मांग लेते हैं, पूरी जांच पड़ताल करके कर्ज देते हैं, लेकिन यहां तो बैंकों ने नियम कानून ताक पर रखकर नीरव मोदी पर अरबों रुपये लुटा डाले. बैंक लेटर ऑफ अंडरटेकिंग यानी एलओयू देने से पहले 100 फीसदी कैश मार्जिन मांगते हैं, लेकिन नीरव मोदी के लिए सारे नियम ताक पर रख दिए गए.

11,360 करोड़ रुपये का महाघपला

PNB में 11,360 करोड़ रुपये के घपले में नीरव मोदी की कंपनियों और बैंक की मुंबई स्थित ब्रैडी हाउस शाखा के कुछ अन्य खातों की संलिप्तता उजागर होने के एक दिन बाद बड़े स्तर कार्रवाई शुरू की गई है. PNB के कम से कम 10 बैंक कर्मियों को निलंबित किया गया है, लेकिन PNB की कर्ज अनुमति कमेटी या निदेशक मंडल से कोई इनमें शामिल है या नहीं, यह अभी साफ नहीं हुआ है.

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CBI ने पिछले सप्ताह दर्ज किया मामला

PNB घपले में धनशोधन के मामले भी शामिल हैं. सीबीआई ने पिछले सप्ताह मोदी और उनकी पत्नी एमी और भाई निशाल व मामा मेहुल चोकसी के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इससे पहले PNB ने 29 जनवरी को 280 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी को लेकर इन चारों के खिलाफ शिकायत की थी. यह धोखाधड़ी का मामला साल 2011 का है.

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