निर्भया के दोषियों की फांसी का लाइव टेलीकास्ट करने की मांग

निर्भया के दोषियों की फांसी का लाइव टेलीकास्ट करने की मांग की गई है. एक NGO सूचना प्रसारण मंत्रलाय को पत्र लिखकर यह मांग की है.

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निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी (फाइल फोटो- Aajtak) निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी (फाइल फोटो- Aajtak)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 10 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 8:43 PM IST

  • NGO की अपील, निर्भया के दोषियों की फांसी लाइव टेलीकास्ट हो
  • दोषियों को 22 जनवरी की सुबह तिहाड़ में फांसी पर लटकाया जाएगा

निर्भया के दोषियों की फांसी का लाइव टेलीकास्ट करने की मांग की गई है. एक NGO सूचना प्रसारण मंत्रलाय को पत्र लिखकर यह मांग की है. पत्र में कहा गया कि देश और विदेश के मीडिया संस्थाओं को इजाजत दी जाए कि वो तिहाड़ जेल में निर्भया के दोषियों की फांसी का लाइव प्रसारण करे.

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बता दें कि निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी पर लटकाया जाएगा. चार मुजरिमों को मौत की सजा देने के लिए तिहाड़ जेल में दो कुएं और दो तख्त तैयार किए गए हैं. तिहाड़ जेल मुख्यालय में तैनात एक आला अधिकारी ने बताया था कि चारों मुजरिमों को एक ही वक्त फांसी दिए जाने का अदालती हुक्म जारी हुआ है. तिहाड़ जेल के कई दशक पुराने फांसीघर में एक साथ दो मुजरिमों को ही टांगने का इंतजाम था.

उन्होंने बताया कि अब तक के इतिहास में यह पहला मौका आया है, जब देश में किसी अपराध को लेकर एक साथ चार कातिलों को एक साथ सजा-ए-मौत मिलेगी. लिहाजा, फांसी-घर में पहले से मौजूद पुराने तख्त और कुएं के बराबर में ही एक नया तख्त-तहखाना (फांसी तख्ता और कुआं) तैयार कर लिया गया है.

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दोषियों के अंगदान करने की अर्जी

वहीं, निर्भया गैंगरेप के दोषियों के अंगदान करने की अपील को लेकर भी एक संस्था पटियाला हाउस कोर्ट पहुंची है. रोड एंटी करप्शन ऑर्गेनाइजेशन नाम की इस संस्था की अपील पर पटियाला हाउस कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. संस्था ने कोर्ट में लगाई अपनी अर्जी में कहा है कि उन्हें निर्भया के चारों दोषियों पवन, अक्षय, मुकेश और विनय से मिलने की इजाजत दी जाए. जिससे वह उन चारों को इस बात के लिए तैयार कर सकें कि फांसी के बाद उन सभी के अंगदान किए जाएं.

संस्था ने अपनी अर्जी में यह भी कहा है कि निर्भया के दोषियों से मिलने के लिए उन्होंने एक पैनल भी तैयार किया है. जिसमें वकील, सामाजिक कार्यकर्ता, डॉक्टर और मनोचिकित्सक शामिल होंगे, जो दोषियों से मिलकर उनको अंगदान करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे. इससे ना सिर्फ लोगों की जिंदगी बचाने के लिए उनके अंगों का इस्तेमाल हो पाएगा, बल्कि चारों दोषी भी शांति से मर सकेंगे कि वह समाज के लिए कुछ अच्छा काम करके जा रहे हैं.

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