बच्चों की किताबों में होगा यौन शोषण का सबक, 'गुड टच, बैड टच' की जानकारी

एनसीईआरटी निदेशक ने बताया कि अगले सत्र से सभी किताबों के पीछे वाले कवर के अंदर आसान भाषा में कुछ दिशा निर्देश होंगे.

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प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

जावेद अख़्तर / BHASHA

  • नई दिल्ली,
  • 17 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 5:25 PM IST

बच्चों के साथ बढ़ रहे यौन शोषण के मामलों के मद्देनजर एनसीईआरटी (NCERT) नया कदम उठाने जा रहा है. NCERT चाहता है कि छात्रों की किताबों में 'गुड टच और बैड टच' के बीच का फर्क बताया जाए.

स्कूल पाठ्यक्रमों और पुस्तकों पर केंद्र और राज्य सरकार को सुझाव देने वाले राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने कहा कि अगले सत्र से उसकी सभी किताबों में ऐसे मामलों से निपटने के लिए क्या करना चाहिए, इसकी एक सूची होगी.

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सुझाव में 'पोक्सो कानून और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के बारे में जानकारी देने की भी बात की गई. साथ ही किताबों में कुछ हेल्पलाइन नंबर भी दिए जाएंगे.

NCERT निदेशक ने कहा, 'महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सुझाव के साथ उनसे संपर्क किया और हमने उसे स्वीकार कर लिया है. शिक्षकों को गुड और बैड टच के बीच अंतर बताने के लिए छात्रों को शिक्षित करने की कोशिश करनी चाहिए लेकिन अभिभावकों के साथ-साथ शिक्षक भी अकसर इस बात से अनजान रहते हैं कि ऐसी स्थितियों में क्या करना चाहिए'.

एनसीईआरटी निदेशक ने बताया कि अगले सत्र से सभी किताबों के पीछे वाले कवर के अंदर आसान भाषा में कुछ दिशा निर्देश होंगे. इसमें छूने के अच्छे और बुरे तरीके के बारे में कुछ चित्र भी होंगे.

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दरअसल, गुरुग्राम के एक प्राइवेट स्कूल में सात साल के छात्र की हत्या की हत्या हो गई थी. जिसके बाद स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर बड़े सवाल खड़े हुए हैं. यहां तक कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है. जिसके बाद एनसीईआरटी ने ये कदम उठाया है.

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