राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के दो सदस्यों ने दिया इस्तीफा, कांग्रेस बोली- एक और संस्थान बर्बाद

पीसी मोहनन और जेवी मीनाक्षी ने आज अचानक आयोग से इस्तीफा दे दिया. पीसी मोहनन भारतीय सांख्यिकी सेवा के पूर्व सदस्य हैं. वे आयोग के चेयरपर्सन भी रह चुके हैं.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 7:54 AM IST

राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के दो सदस्यों ने मंगलवार को अचानक इस्तीफा दे दिया. दोनों सदस्यों का कार्यकाल जून 2020 तक था. दोनों सदस्यों के अचानक इस्तीफा देने पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये एक और सार्वजनिक संस्था को बर्बाद करने की कोशिश है.  

इन दोनों सदस्यों के इस्तीफा देने के बाद से अब चार सदस्यों वाले आयोग में सिर्फ दो सदस्य रह जाएंगे. इसमें मुख्य सांख्यिकीविद प्रवीण श्रीवास्तव और नीति आयोग के अमिताभ कांत हैं.  

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इस्तीफा देने बाद इंडिया टुडे से खास बातचीत में पीसी मोहनन ने कहा कि उपेक्षा के चलते उन्होंने इस्तीफा दिया है. उन्होंने कहा कि विभिन्न मुद्दों पर किए गए उनके काम को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा था. इस्तीफा देने वाले दोनों सदस्यों का कहना है कि सरकार ने एनएससी को टूथलेस कर दिया है. आयोग के योगदान को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. विवाद का एक अन्य कारण 2017-18 में एनएससी के सर्वे को जारी करने में देरी भी है. एनएससी ने दो महीने पहले रिपोर्ट को मंजूरी दे दी थी, इसके बावजूद रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई थी. सरकार ने जीडीपी बैक सीरिज पर एनएससी की रिपोर्ट को खारिज कर करते हुए इसे सिर्फ एक कवायद कहा था.

पीसी मोहनन और जेवी मीनाक्षी ने आज अचानक आयोग से इस्तीफा दे दिया. पीसी मोहनन भारतीय सांख्यिकी सेवा के पूर्व सदस्य हैं. वे आयोग के चेयरपर्सन भी रह चुके हैं. वहीं मीनाक्षी दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर हैं. आयोग में सिर्फ यही दोनों गैर सरकारी सदस्य थे. गौरतलब है कि यह आयोग तमाम आंकड़े जारी करता है.

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दोनों सदस्यों के इस्तीफा देने के फौरन बाद कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग से सभी गैर सरकारी सदस्यों के इस्तीफे ने एक और सार्वजनिक संस्थान को अयोग्य और दंतहीन बना दिया है. उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल से अपने गलत प्रशासन के तमाम डेटा और आंकड़ों को हटाने की सरकार के उद्देश्य को पूरा करता है.

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