केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार जल्द ही शादी के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य करने के लिए नया कानून ला सकती है. लॉ कमिशन की एक रिपोर्ट को आधार बनाकर सरकार इस ओर जल्द ही कदम बढ़ा सकती है. इससे पहले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी इससे पहले ये फैसला ले चुकी है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने देश में शादियों के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य बनाने की बात कही थी. कोर्ट के फैसले के बाद हिमाचल प्रदेश, केरल और बिहार, यूपी में सरकारें इसे लागू कर चुकी हैं.
आपको बता दें कि बीजेपी सरकार के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करना एक लक्ष्य है, ये भी इसी का एक हिस्सा ही है. खबरों की मानें, तो लॉ कमिशन ने जिस रिपोर्ट को आगे रखा है, उसके ड्राफ्ट में कोई दिक्कत नहीं आएगी. इस रिपोर्ट में किसी भी समुदाय को निशाना नहीं बनाया गया है.
मोदी सरकार से पहले यूपीए-2 ने भी राज्यसभा में इस प्रकार का बिल लाने की कोशिश की थी, यूपीए सरकार ने जन्म और मृत्यु सर्टिफिकेट एक्ट, 1969 के तहत बिल लाया था. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद भी इससे पहले शादी के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य करने के पक्ष में बात कही थी.
अनुषा सोनी