GST का जश्न: जेटली बोले- वैश्विक चुनौतियों के बावजूद सफल रहा टैक्स सुधार

देश में वन नेशन वन टैक्स की परिकल्पना के साथ लागू हुए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को एक साल पूरा हो गया है. इस मौके पर जहां केन्द्र सरकार पूरे देश में इसे ईमानदारी के स्वरूप के तौर पर जीएसटी दिवस मना रही है.

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पीयूष गोयल पीयूष गोयल

अजीत तिवारी

  • नई दिल्ली,
  • 01 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 1:51 PM IST

देश में वन नेशन वन टैक्स की परिकल्पना के साथ लागू हुए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को एक साल पूरा हो गया है. इस मौके पर जहां केन्द्र सरकार पूरे देश में इसे ईमानदारी के स्वरूप के तौर पर जीएसटी दिवस मना रही है.

इस कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए वित्त मंत्रालय ने जीएसटी के एक साल के सफर पर तैयार की गई फिल्म वन ईयर ऑफ जीएसटी का प्रदर्शन किया. फिल्म में बताया गया कि कैसे 1 जुलाई की मध्यरात्रि को संसद से देश के इस सबसे अहम टैक्स सुधार कार्यक्रम की शुरुआत की गई. फिल्म में दर्शाया गया कि कैसे बीते एक साल के दौरान केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों ने मिलकर पूरे देश में इस व्यवस्था को लागू करने के लिए काम किया.

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अरुण जेटली

एक साल पहले तक देश में बहुत जटिल टैक्स व्यवस्था मौजूद थी. कई स्तर पर कई दर पर कारोबारी और उपभोक्ताओं को टैक्स देना पड़ता था. वहीं देश में एक जगह से दूसरी जगह सामान को ले जाने पर टैक्स का मायाजाल मौजूद था जिसके चलते एक बही उत्पाद देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग कीमतों पर बिकता था. लेकिन मोदी सरकार ने इस व्यवस्था को पूरी तरह से खत्म करते हुए बेहद कड़ा फैसला लिया और देश के लिए इस सरल टैक्स व्यवस्था को चुना गया.

अरुण जेटली ने कहा कि मोदी सरकार ने सभी राज्यों को जीएसटी लागू करने के लिए तैयार किया. इसके लिए केन्द्र सरकार ने राज्यों को जीएसटी लागू होने के बाद राजस्व में होने वाले किसी नुकसान की भरपाई करने का वादा किया. लिहाजा, जीएसटी में इस प्रस्ताव के बाद सभी राज्य इसे जल्द से जल्द लागू करने के पक्ष में खड़े हुए.

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अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी लागू करने के बाद टैक्स कलेक्शन में बड़ा इजाफा हुआ है. जेटली के मुताबिक लगभग 11.9 फीसदी अधिक टैक्स एकत्र किया गया है. यह जीएसटी की सफलता के पक्ष में सबसे बड़ा आंकड़ा है. वहीं जेटली ने कहा कि यदि केन्द्र सरकार का राजस्व इस स्तर से बढ़ता रहा तो केन्द्र सरकार के लिए आसान हो जाएगा कि वह उपभोक्ताओं और कारोबारियों को अधिक राहत पहुंचाने के लिए टैक्स दरों को और कम करने का फैसले कर सके. जेटली ने कहा कि अगले पांच साल के दौरान गैर-तेल राजस्व में जीएसटी और अन्य टैक्स से राजस्व में बड़ा इजाफा देखने को मिलेगा.

जेटली ने कहा कि दुनिया के कई देशों में जीएसटी को लागू करना बेहद खराब रहा. इन देशों में राजस्व घटने के साथ-साथ कारोबार और अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा. लेकिन भारत में जीएसटी को सफलतापूर्वक लागू किया गया और विपरीत वैश्विक माहौल के बावजूद जीएसटी को देश में लागू किया गया और उसका फायदा सरकार, कारोबार और उपभोक्ता को मिलना शुरू हुआ है.

पीयूष गोयल

वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने जीएसटी के एक साल पूरे होने पर कहा कि अरुण जेटली उनके राजनीतिक गुरू हैं और वह कामना करते हैं कि वह जल्द से जल्द स्वस्थ होकर वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालें. पीयूष गोयल ने कहा कि बीते एक साल से जीएसटी देश में कोऑपरेटिव फेडरलिज्म का सबसे बड़ा उदाहरण है. जीएसटी ने पूरे देश में जीएसटी को उसी तरह से पिरोने का काम किया है जैसे पूर्व में छोटे-छोटे योदगान के साथ रामसेतु बनाने का काम किया गया था.

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पीयूष गोयल ने कहा कि जीएसटी से पहले देश में फैक्ट्रियों से माल बिल के साथ निकलता था लेकिन जब माल अपने टार्गेट पर पहुंचता था तब उस बिल को फाड़कर फेंक दिया जाता था. इससे फैक्ट्री में बना उतना सामान गणना में नहीं आता और राजस्व को नुकसान होता था. लेकिन अब जीएसटी से ऐसे नुकासन को रोक लिया गया है. गोयल ने कहा कि देश में युवा पीढ़ी ने इस कानून को सफलता पूर्वक लागू करने में अहम भूमिका अदा की है. गोयल के मुताबिक नई कंपनियों ने बड़ी उत्सुकता और उत्साह के साथ इस नए टैक्स व्यवस्था में शामिल होने का काम किया है.

पीयूष गोयल ने कहा कि बीते एक साल के दौरान जीएसटी का सबसे बड़ा फायदा यह समझ में आया है कि इससे देश का कारोबार पूरी तरह से पारदर्शी हो चुका है. कारोबार में पारदर्शिता आने से देश में छोटे और मध्यम कारोबार को बड़ा फायदा मिलेगा क्योंकि बेईमानी का अब रास्ता बंद किया जा चुका है.

पीयूष गोयल ने कहा कि लोग मांग करते हैं कि देश में टैक्स का एक रेट होना चाहिए. कुछ अर्थशास्त्री दावा करते थे कि जीएसटी के लिए रेवेन्यू न्यूट्रल टैक्स दर 22 से 25 फीसदी तक होगा. लेकिन मोदी सरकार ने रेवेन्यू न्यूट्रल टैक्स 15 फीसदी के आसपास निकाला जिसके बाद जीएसटी को लागू करने का हौसला बढ़ा.

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गोयल ने कहा कि मौजूदा समय में देश में अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स 18 फीसदी अथवा उससे कम दर पर है. वहीं यह भी दावा किया कि जैसे-जैसे लोग इस टैक्स प्रणाली के तहत आने लगेंगे और ईमानदारी के साथ अपना टैक्स जमा करने लगेंगे, इस टैक्स दर को और कम किया जा सकेगा. पीयूष गोयल ने कहा केन्द्र सरकार ने बीते एक साल के दौरान इसी आदर्श पर चलते हुए 300 से अधिक वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स कम करने का काम किया है. 

चैंबर ऑफ इंडियन इंडस्ट्री

इस मौके पर चैंबर ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) ने देश में इस आर्थिक सुधार के लिए अरुण जेटली की तारीफ की और उम्मीद जताई कि मौजूदा समय में वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे पियूष गोयल इस सुधार को और बेहतर ढंग से आगे लेकर चलेंगे. सीआईआई ने कहा कि उसके अधिकांश सदस्य जीएसटी की सफलता को मानते हैं और उम्मीद रखते हैं कि आने वाले दिनों में देश की अर्थव्यवस्था को जीएसटी के और भी फायदे देखने को मिलेंगे.

फिक्की

वहीं इस जश्न के दौरान फिक्की ने कहा कि बीते एक साल के दौरान इस टैक्स सूधार को लागू करने में आई दिक्कते स्वाभाविक थी. लेकिन एक साल की मेहनत के बाद फिक्की ने दावा किया कि देशभर में जीएसटी को लागू करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. हालांकि मौजूदा समय में जो चुनौतियां है उसे जल्द दूर कर लिया जाएगा. फिक्की ने कहा कि जीएसटी से न सिर्फ सरकार की कमाई में इजाफा होगा बल्कि इससे देश में महंगाई पर भी लगाम लगेगा.

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इससे पहले केन्द्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून के एक साल पूरा होने के अवसर पर रविवार को पूरे देश में 'जीएसटी दिवस' मनाने का ऐलान किया था. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के कानपुर और गुजरात के सूरत समेत देश के की हिस्सों में व्यापारियों ने विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी की है. वहीं शनिवार को भी देश के कई कोने से व्यापारियों ने विरोध-प्रदर्शन किया.

दरअसल, सत्ता में आने के साथ हमेशा से चर्चा में रहने वाली मोदी सरकार एक जुलाई 2017 को पूरे देश में जीएसटी लागू कर चर्चा का केंद्र बन गई थी. एक साल में इसने भारतीय कराधान क्षेत्र में अप्रत्याशित सुधारों के प्रति करदाताओं के उत्साह और भागीदारी का पूरी दुनिया में एक बेहतर उदाहरण प्रस्तुत किया है.

गौरतलब है कि संसद के केन्द्रीय कक्ष में 30 जून और एक जुलाई 2017 की मध्यरात्रि को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की उपस्थिति में जीएसटी को देश में लागू किया गया था. अब जीएसटी दिवस के मौके पर दिल्ली के जनपथ स्थित डॉक्टर अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में जीएसटी की सफलता का जश्न मनाया गया. केन्द्रीय रेल, कोयला, वित्त एवं कारपोरेट कार्य मंत्री पीयूष गोयल इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे वहीं वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला भी इस अवसर पर उपस्थित थे. इस जश्न की खासबात यह है कि केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली जो फिलहाल स्वास्थ्य कारणों से बिना कार्यभार के मंत्री है इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश को संबोधित करेंगे.

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जीएसटी में करीब एक दर्जन करों को समाहित किया गया है. केन्द्र स्तर पर लगने वाले उत्पाद शुल्क, राज्यों में लगने वाले मूल्य वर्धित कर (वैट) और कई स्थानीय शुल्कों को जीएसटी में समाहित किया गया. जिसके बाद देश में 'एक राष्ट्र, एक कर' की यह नई प्रणाली लागू हुई.

मंत्रालय ने इस अवसर पर कहा है, 'जीएसटी का पहला साल भारतीय करदाताओं के इस अप्रत्याशित कर सुधार की व्यवसथा में भागीदार बनने को लेकर तैयार रहने का बेहतर उदाहरण दिखाता है.' इसमें कहा गया है कि इलेक्ट्रानिक वे-बिल इस प्रणाली के तहत पहले के विभागीय नीतिगत मॉडल से आगे बढ़कर एक 'स्व-घोषित मॉडल' की दिशा में अहम बदलाव है. इसमें ई-वे बिल हासिल कर पूरे देश में माल की बिना किसी रोक टोक के बाधामुक्त आवाजाही सुनिश्चित हो सकती है. देश में अंतरराज्यीय ई-वे बिल व्यवस्था एक अप्रैल 2018 से लागू हुई है जबकि राज्यों के भीतर माल परिवहन के लिये ई-वे बिल लेने की व्यवस्था को 15 अप्रैल से चरणों में लागू किया गया.

व्यापारियों ने जताया विरोध

इस बीच व्यापारियों ने देश में अलग-अलग जगह विरोध जताते नजर आए. कानपुर में व्यापारियों ने अनोखे तरीके से जीएसटी का विरोध किया. ये कारोबारी घंटाघर के पास भारत माता की मूर्ति के पास इकट्ठा हुए और घंटियां बजाकर विरोध जताया. हाथ में ली गई तख्तियां बता रही थीं कि वो जीएसटी की खामियों का विरोध कर रहे हैं. लेकिन घंटी और घड़िया के साथ विरोध के पीछे उन्होंने एक दिलचस्प तर्क दिया.

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व्यापारियों ने कहा कि साल भर पहले मोदी सरकार ने जीएसटी को लागू करने का ऐलान घंटा बजाकर किया था. अब वो उनके ही तरीके से घंटियां बजाकर कह रहे हैं कि सरकार जीएसटी की मुश्किलों और खामियों को दूर करे. व्यापारियों की शिकायत है कि आज भी व्यापारियों के ऊपर छापेमारी की जा रही है. कहा गया था कि सभी सामानों पर जीएसटी लगाई जाएगी लेकिन पेट्रोल उत्पाद इससे बाहर हैं. एक साल पूरे होने पर सरकार को अपना वादा पूरा करना चाहिए.

गुजरात के सूरत में भी जीएसटी की सालगिरह का उत्साह नहीं दिखा. हीरा और कपड़ा दोनों ही व्यापारियों में मायूसी नजर आई. वहीं, कोयंबटूर में भी जीएसटी के पहले जन्मदिन का स्वागत नहीं हुआ. यहां छोटे व्यापारियों के कारोबार पर बुरा असर पड़ा है.

जीएसटी से बढ़ेगा राजस्व: विशेषज्ञ

एक तरफ जहां व्यापारी जीएसटी का विरोध कर रहे हैं वहीं, उद्योग और कर विशेषज्ञों ने इसकी सराहना की है. उनकी राय है कि इस अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था से आगे चलकर राजस्व में सुधार होगा और अनुपालन बेहतर होगा. उद्योग मंडल एसोचैम के अध्यक्ष संदीप जाजोदिया ने कहा कि ऐसी आशंकाएं कि जीएसटी से महंगाई बढ़ेगी और उद्योग की आपूर्ति श्रृंखला में बाधा आएगी, अब दूर हो चुकी हैं. कीमतों में जो भी बढ़ोतरी हो रही है वह कच्चे तेल और खाद्य मूल्यों के दबाव की वजह से है.

विशेषज्ञों का कहना है कि नए कर ढांचे से अगले तीन से चार साल में कर से जीडीपी अनुपात सुधरेगा. हेलो टैक्स के सह संस्थापक हिमांशु कुमार ने कहा कि जीएसटी एक राष्ट्र एक कर की दिशा में बड़ा कदम है. उत्पादों की कम कीमत के रूप में इसका लाभ उपभोक्ताओं को स्थानांतरित होगा. बेहतर कर अनुपालन से अगले तीन से चार साल में कर कर जीडीपी अनुपात में सुधार होगा. हालांकि, कुमार ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र पर नए सिरे से ध्यान देने की जरूरत है ताकि अप्रत्यक्ष कर से संबंधित अनुपालन की लागत को कम किया जा सके.

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