नारदा केस में भारतीय जनता पार्टी के नेता मुकुल रॉय शनिवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के सामने पेश हुए. केंद्रीय एजेंसी ने रॉय को शुक्रवार को सीबीआई के सामने पेश होने के लिए कहा था. लेकिन राजनीतिक कारणों के कारण वो शुक्रवार को सीबीआई दफ्तर नहीं पहुंच पाए, जिसके बाद जांच एजेंसी ने उन्हें शनिवार को पेश होने के लिए कहा था.
रॉय का नाम नारदा मामले के आरोपी नेताओं में शामिल है. इस मामले में सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की है. गौरतलब है कि मुकुल रॉय ने सीबीआई से पेशी के लिए वक्त मांगा था, जिसे सीबीआई ने अस्वीकार करते हुए जांच प्रक्रिया में शामिल होने को कहा था .
सीबीआई ने 28 अगस्त को भी भाजपा नेता से पूछताछ की थी. गौरतलब है कि मुकुल रॉय कभी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी के करीबियों में गिने जाते थे. मुकुल रॉय सीबीआई द्वारा पूछताछ किए जाने के कुछ ही दिन तृणमूल कांग्रेस छोड़ कर भाजपा का दामन थाम लिया था
दो घंटे चली पूछताछ
मुकुल रॉय सीबीआई के दफ्तर में दो घंटे से अधिक समय तक रहे. सीबीआई के अधिकारियों ने उनसे लगभग दो घंटे तक पूछताछ की. रॉय जब सीबीआई के दफ्तर से बाहर निकले, मीडियाकर्मियों से बात करते हुए टीएमसी अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा.
उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कहती हैं कि किसी को भी जांच एजेंसी के साथ सहयोग नहीं करना चाहिए, मुझे लगता है कि यह कानून का पालन करने वाले एक नागरिक का कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि जब भी सीबीआई मुझे बुलाती है, मैं हर बार आता हूं क्योंकि मैं इस मामले में संलिप्त नहीं हूं.
क्या है पूरा मामला?
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2016 से ठीक पहले तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं और मंत्रियों के स्टिंग का वीडियो नारदा नामक न्यूज पोर्टल ने जारी किया था. जारी किए गए वीडियो में नारदा के स्टिंग में तृणमूल कांग्रेस के सांसद, मंत्री और कोलकाता नगर निगम के मेयर को काम कराने के लिए पैसा लेते कैमरे में कैद किया गया था.
कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 2017 में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी. सीबीआई की एफआईआर में तृणमूल कांग्रेस के दर्जनभर नेताओं के नाम थे. इनमें मुकुल रॉय ने सीबीआई द्वारा पूछताछ शुरू किए जाने के कुछ दिन बाद ही भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली थी.
इंद्रजीत कुंडू