केरल में सबरीमाला के भगवान अयप्पा के मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर विवाद हो रहा है. इससे थोड़ी दूर पर तमिलनाडु के वडक्कमपट्टी नामक स्थान पर मुनियंडी स्वामी का मंदिर है, जहां परंपरागत रूप से मनाए जाने वाले सालाना उत्सव के दौरान श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में बिरयानी दिया जाता है.
शनिवार को यहां 1 हजार किलो चावल, 250 बकरे और 300 मुर्गे की बिरयानी बनाई गई और श्रद्धालुओं के बीच बांटा गया. तिरुमंगलम तालुका के छोटे से गांव वडक्कमपट्टी में स्थित इस मंदिर की यह परंपरा नई नहीं है, बल्कि 100 वर्षों से ज्यादा समय से यहां के लोग पूरे श्रद्धा-भाव के साथ परंपरा का पालन कर रहे हैं. यह सालाना उत्सव 24, 25 और 26 जनवरी को मनाया जाता है.
सुबह 5 बजे से बंटनी शुरू हो जाती है बिरयानी
पिछले दिनों एक अखबार को दिए इंटरव्यू में एक भक्त ने बताया था कि भक्त ही बिरयानी को 50 से ज्यादा बड़े-बड़े बर्तनों में तैयार करते हैं. इसने बनाने का काम देर रात से शुरू होता है और सुबह चार बजे तक बिरयानी बन जाती है. इसके बाद सुबह 5 बजे से बिरयानी बांटी जाती है. देश के अलग-अलग हिस्सों से आने वाले भक्तों के लिए प्रसाद के रूप में बनाई जाने वाली बिरयानी को पकाने में हजार किलो चावल के अलावा बकरे और मुर्गे की बलि दी जाती है.
पिछले साल बनाई गई थी 1800 किलो बिरयानी
पिछले साल 1800 किलो बिरयानी बनाने के लिए 200 बकरों और 250 मुर्गों की बलि दी गई थी. खास बात है कि यह बिरयानी सिर्फ मंदिर आने वाले भक्तों को नहीं, बल्कि वडक्कमपट्टी आने वाले किसी भी व्यक्ति को पूरी श्रद्धा के साथ खिलाया जाता है. वडक्कमपट्टी में लगभग हर कोई बिरयानी का फैन है. यहीं से 70 और 80 के दशक में मदुरई श्री मुनियंडी विलास की लोकप्रिय रेस्त्रां श्रृंखला की शुरुआत हुई थी. इस समय इसके पूरे दक्षिण भारत में 1,000 से अधिक आउटलेट हैं.
aajtak.in