देश का मिजाजः क्या है नरेंद्र मोदी सरकार की सबसे बड़ी कामयाबी?

आजतक और कार्वी इनसाइट्स ने नई सरकार के आने के बाद इस सर्वे के जरिए यह जानना चाहा कि मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि क्या है. सर्वे में शामिल लोगों ने नोटबंदी को तीसरी सबसे बड़ी कामयाबी माना. सर्वे में शामिल लोगों में से 20 फीसदी लोगों ने माना कि भ्रष्टाचार मुक्त शासन मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है. इसके बाद काले धन पर अंकुश को सरकार की दूसरी सबसे बड़ी कामयाबी मानी गई.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (file-REUTERS) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (file-REUTERS)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 10:34 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पहले कार्यकाल की कामयाबी की बदौलत लगातार दूसरे चुनाव में पहले से भी बड़ी जीत के साथ सत्ता में लौटे हैं, ऐसे में आजतक और कार्वी इनसाइट्स ने नई सरकार के आने के बाद इस सर्वे के जरिए यह जानना चाहा कि मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि क्या है. सर्वे में शामिल लोगों ने नोटबंदी को तीसरी सबसे बड़ी कामयाबी माना.

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आजतक और कार्वी इनसाइट्स की ओर से किए गए सर्वे में शामिल लोगों में से 20 फीसदी लोगों ने माना भ्रष्टाचार मुक्त शासन मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है. इसके बाद काले धन पर अंकुश को सबसे बड़ी कामयाबी मानी गई. 11 फीसदी लोगों ने इसके पक्ष में अपनी राय जाहिर की.

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल का सबसे चर्चित काम रहा नोटबंदी का फैसला. काले धन पर अंकुश लगाने की कवायद के साथ लाई गई नोटबंदी ने कई लोगों के जीवन को खासा प्रभावित भी किया. नोटबंदी को मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि बनाने वाले लोगों की संख्या 10 फीसदी है. जबकि सर्वे में शामिल 9 फीसदी लोग मानते हैं कि सड़क, हाईवे, बिजली और बंदरगाहों की स्थिति में सुधार मोदी सरकार की सबसे बड़ी कामयाबी है.

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इसी सर्वे में 8-8 फीसदी लोगों ने माना कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि सुधारना और आतंक के खिलाफ सख्त रवैया मोदी सरकार का सबसे बड़ा फैसला है. सर्वे में शामिल 7 फीसदी लोगों ने जीएसटी को लागू किए जाने को मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि बताई.

आजतक और कार्वी इनसाइट्स ने इस सर्वे के लिए 12,126 लोगों से साक्षात्कार किया, जिसमें 67 फीसदी साक्षात्कर ग्रामीण और 33 फीसदी शहरी लोग शामिल थे. इस सर्वे में देश के 19 राज्यों के 97 संसदीय क्षेत्रों और 194 विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया. उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, असम, मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, राजधानी दिल्ली और पश्चिम बंगाल में यह सर्वे कराया गया. यह सर्वे जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के तहत विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने से पहले कराया गया था.

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