बेरोजगारी पर एक्शन में मोदी सरकार, खाली पदों को भरने के लिए चलाएगी अभियान

कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की बैठक में फैसला लिया गया कि केंद्रीय स्तर पर खाली पड़े पद जल्द से जल्द भरे जाने चाहिए. कैबिनेट कमेटी के निर्देश के बाद डीओपीटी ने सभी मंत्रालयों और विभागों को चिट्ठी लिखकर इससे अवगत कराया है.

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पद भरने के लिए डीओपीटी की तरफ से निर्देश दिए गए (फोटो-ANI) पद भरने के लिए डीओपीटी की तरफ से निर्देश दिए गए (फोटो-ANI)

जितेंद्र बहादुर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 22 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 7:57 PM IST

  • केंद्र की नौकरियों में खाली पड़े पद जल्द भरने के निर्देश

  • उठाए गए कदमों की जानकारी डीओपीटी को देनी होगी

बेरोजगारी के मुद्दे पर विपक्ष के निशाने पर आई मोदी सरकार ने सरकारी नौकरियों में खाली पड़े पदों की भर्ती के लिए बड़ा कदम उठाया है. सरकार खाली पड़े पदों को भरने के लिए अभियान चलाएगी. सूत्रों के मुताबिक, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की तरफ से निर्देश दिए गए हैं कि सभी मंत्रालय और विभाग जल्द से जल्द इस संबंध में जरूरी कदम उठाएं और एक्शन टेकेन रिपोर्ट (एटीआर) भेजें.

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सूत्रों के मुताबिक, पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निवेश और विकास दर बढ़ाने को लेकर बनी मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक की अध्यक्षता की थी. इस बैठक में फैसला लिया गया कि केंद्र की नौकरियों में खाली पड़े पद जल्द से जल्द भरे जाने चाहिए. कैबिनेट कमेटी के निर्देश के बाद डीओपीटी ने सभी मंत्रालयों और विभागों को चिट्ठी लिखकर इससे अवगत कराया है.

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पत्र में कहा गया है कि सीधी भर्ती वाले जो पद हैं, उनको भरा जाए और इसकी जानकारी डीओपीटी को सौंपी जाए. हर मंत्रालय और विभाग को महीने की पांचवीं तारीख से पहले इस संबंध में उठाए गए कदमों की जानकारी डीओपीटी को देनी होगी. ग्रुप A, B और C वाले पदों की सीधी भर्ती केंद्र में होती है. इसे UPSC और SSC संचालित करती है.

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डीओपीटी का पत्र

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गौरतलब है कि मोदी सरकार अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की पुरजोर कोशिश कर रही है. इसके लिए बजट में बड़े कदम उठाने की तैयारी की जा रही है. वहीं दूसरी तरफ बड़ी संख्या में नौकरियों के अवसर पैदा कर देश में बड़ा संदेश देने की योजना है. विपक्षी पार्टियां रोजगार और निवेश को लेकर शुरू से मोदी सरकार पर हमलावर रही हैं. विपक्ष का कहना है कि सरकार इस पर गंभीरता से नहीं सोच रही. नौकरी देने का जो वादा किया गया, सरकार उससे चूक रही है.

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