केंद्र की मोदी सरकार ने एयर इंडिया के निजीकरण का फैसला नहीं बदला है. यह दावा केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी ने किया. हरदीप पुरी ने कहा कि निजीकरण प्रक्रिया में है. लोग अभी भी एयर इंडिया को खरीदने के लिए इच्छुक हैं. उन्होंने कहा कि हम कोशिश कर रहे हैं कि एयर इंडिया की सेवाएं बाधित न हों.
पुरी ने कहा, 'एयर इंडिया के निजीकरण के लिए सरकार का दृढ़ संकल्प है. हमें सबसे अच्छा संभव सौदा प्राप्त करना है और इसे कम से कम समय में प्राप्त करना है. लोग एयर इंडिया का अधिग्रहण करने के लिए बहुत इच्छुक हैं. उन्होंने कहा कि जो भी एयर इंडिया का अधिग्रहण करेगा वह बहुत भाग्यशाली होगा और मजबूत निजी क्षेत्र के सिद्धांतों के मुताबिक इसे चलाने में सक्षम होगा.
केंद्रीय मंत्री पुरी ने अभी हाल में राज्यसभा में बताया कि एयर इंडिया को अब चलाना असंभव है. उन्होंने बताया कि हर दिन 15 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. वहीं 20 एयरक्राफ्ट की कमी से जूझ रहे हैं. इसलिए हमें हालत सुधारने और फिर विनिवेश करने की जरूरत है.
यह पहली बार है जब सरकार ने स्पष्ट तौर पर एयर इंडिया के निजीकरण की बात कही. इससे पहले सरकार एयर इंडिया के विनिवेश की कोशिश कर रही थी. विनिवेश की कई कोशिशें नाकाम भी हो चुकी हैं. एयर इंडिया को इस वित्त वर्ष में 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान करना है. कंपनी ने इस पर सरकार की मदद मांगी थी लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया. सरकार इस एयरलाइन में अपनी 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती है.
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