एमजे अकबर के प्रिया रमानी पर किए गए मानहानि के मुकदमे में आज राउस एवेन्यू कोर्ट में प्रिया रमानी ने अपने बयान दर्ज करवाएं. प्रिया रमानी ने अपने बयान में कहा, 'ट्विटर पर मैंने जो कुछ भी बयान किया वह एमजे अकबर की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए नहीं बल्कि अपने साथ हुए यौन शोषण की कहानी को बताने के लिए किया.' मैंने जो कुछ भी लिखा एमजे अकबर के साथ मेरा खराब अनुभव था.
प्रिया रमानी ने आगे कहा, 'मी टू मूवमेंट के दौरान बहुत सारी और महिलाओं ने भी अपने बॉस के साथ इस तरह के अनुभव साझा किए थे. मेरी भी इच्छा अपने लेख के माध्यम से अपने उन अनुभवों को साझा करने की थी, जो कड़वे थे लेकिन मुझे उससे गुजरना पड़ा था.'
प्रिया रमानी ने सफाई देते हुए कहा, 'एमजे अकबर ने मेरे खिलाफ दुर्भावना से पूर्ण और गलत केस दाखिल किया है. ऐसा करने के पीछे कारण यह भी दिखाई देता है. बहुत सारी महिलाओं ने एमजे अकबर के खिलाफ कमोबेश ऐसे ही यौन उत्पीड़न की अपनी कहानियां मेरे आर्टिकल छपने के बाद साझा की. मेरे खिलाफ एमजे अकबर ने मानहानि का मुकदमा ठोकने की मंशा उन सभी महिलाओं को डराने की कोशिश भी है.'
रमानी का कहना है, 'एमजे अकबर की तरफ से मानहानि का मुकदमा ठोकने की एक वजह यह भी है कि उनके खिलाफ जो बाकी दूसरी महीला पत्रकारों ने जो भी गंभीर यौन शोषण की शिकायत की हैं उस तरफ से लोगों का ध्यान हट जाए. क्योंकि मेरे अलावा बाकी और महिलाओं ने जब एमजे अकबर की गई यौन शोषण की शिकायतें सोशल मीडिया पर की तो लोगों का गुस्सा एमजे अकबर के लिए सातवें आसमान पर था.'
प्रिया रमानी ने अपने कोर्ट को दिए बयान में कहा कि यह बात पूरी तरह से गलत है कि एमजे अकबर समाज में एक अच्छी इमेज रखने वाले सभ्य सज्जन पुरुष है. ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि जिस महिला ने यौन शोषण को झेला, अपने उस अनुभव को दुनिया के साथ साझा करने के लिए उसे कोर्ट केस का सामना करना पड़ रहा है. खुद के खिलाफ आपराधिक मानहानि के मुकदमे को झेलना पड़ रहा है.
प्रिया रमानी ने कहा कि उनके 25 साल के पत्रकारिता के अनुभव के दौरान उन्होंने जितने भी संपादकों के साथ काम किया, तमाम चीजों को सीखा. प्रिया रमानी का आज कोर्ट में बयान दर्ज होने के बाद अब कोर्ट ने 7 और 9 सितंबर को सुनवाई की अगली तारीख तय की है.
पूनम शर्मा