महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के साथ भेदभाव के मुद्दे पर केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार बंटी हुई नजर आ रही है. प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने जहां एक ओर भेदभाव पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि सरकार इसे सहन नहीं करेगी, वहीं केंद्र की महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि इस मुद्दे पर फैसले लेने का काम समाज के जिम्मे छोड़ देना चाहिए.
मेनका गांधी ने शुक्रवार को कहा, 'समाज खुद इससे निपट लेगा. इसपर कोई राजनीतिक बयानबाजी नहीं होनी चाहिए.' केंद्रीय मंत्री का यह बयान ऐसे समय भी आया है, जब मंदिर के चबूतरे पर जाने से बैन के खिलाफ आवाज उठा रही महिलाओं ने सरकार से मामले में दखल देने की अपील की है.
दूसरी ओर, अहमदनगर जिला प्रशासन के सख्त आदेश पर मंगलवार को शनि शिंगणापुर मंदिर में प्रवेश के लिए जा रहीं भूमाता ब्रिगेड की महिलाओं को 60 किलोमीटर दूर रोके जाने के बाद संस्था ने कहा है कि उसकी महिलाएं रोज मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश करेंगी. संस्था के एक प्रतिनिधिमंडल ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस को ज्ञापन सौंप कर इस मामले में उनसे मदद की अपील की है.
क्या कहा मुख्यमंत्री ने
शुक्रवार को पुणे में सावित्री बाई फुले पुणे विद्यापीठ में आयोजित राजर्षी शाहू महाराज की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा, 'यदि समाज में स्त्री और पुरुष के बीच भेदभाव रहा तो समाज प्रगति की ओर बढ़ नहीं सकता. दुनिया में जिस भी देश ने सफलता पाई है और प्रगति की है, उस देश के मानव संसाधन में पुरुष के साथ ही महिलाओं का भी योगदान है. उस देश में विकास दोगुनी तेजी से हुआ है.'
कार्यक्रम के दौरान सीएम ने आगे कहा, 'महिलाओं को पुरुषों के समान पूजा करने का हक है या नहीं, इसके बारे में हम आज भी चर्चा करते हैं. इक्कीसवीं सदी में अगर हमें ऐसे विषयों पर चर्चा करनी पड़ रही है तो निश्चय ही शाहू महाराज के विचार समाज तक पहुंचाने में कहीं चूक हुई है.' फडनवीस ने कहा कि एक राजकर्ता के नाते हम ऐसा भेदभाव कभी सहन नहीं करेंगे.
स्वपनल सोनल