जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर अनुच्छेद 35A को लेकर बहस छिड़ पड़ी है. इसी के बीच जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात करेंगी. वहीं बीजेपी सूत्रों का कहना है कि आर्टिकल 35ए दोनों पार्टियों कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का हिस्सा नहीं था.
गौरतलब है कि महबूबा मुफ्ती ने नेशनल कॉन्फ्रेंस चीफ फारूक अब्दुल्ला से भी मुलाकात की थी. मंगलवार को दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक चली बैठक में अनुच्छेद 35 ए समेत राज्य की हालात पर बात हुई थी.
महबूबा मुफ्ती अचानक ही फारूक अब्दुल्ला के घर पहुंची थी उस समय फारूक भी घर पर मौजूद थें. दोनों नेताओं की बैठक में संविधान की धारा 35 ए पर चर्चा हुई. फारूक अब्दुल्ला ने सीएम महबूबा को सुझाव देते हुए कहा कि सीएम को इस मामले में अन्य पार्टी के नेताओं के साथ चर्चा करनी चाहिए जिससे की धारा 35 ए को भंग होने से बचाया जा सके.
अनुच्छेद 35A से जम्मू-कश्मीर सरकार और वहां की विधानसभा को स्थायी निवासी की परिभाषा तय करने का अधिकार मिलता है. इसका मतलब है कि राज्य सरकार को ये अधिकार है कि वो आजादी के वक्त दूसरी जगहों से आए शरणार्थियों और अन्य भारतीय नागरिकों को जम्मू-कश्मीर में किस तरह की सहूलियतें दे अथवा नहीं दे.
इस मसले पर बहस हो: ओवैसी
आर्टिकल 35A को लेकर मुस्लिम नेता असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में क्या कोई प्रॉपर्टी खरीद सकता है, नॉर्थ ईस्ट में कोई प्रॉपर्टी खरीद सकता है. आप सुप्रीम कोर्ट में जाकर अटॉर्नी जनरल के माध्यम से कहते हैं कि इस मुद्दे पर डिबेट होनी चाहिए. आपकी पॉलिसी क्या है, क्या आप कश्मीर में सही ढंग से अमन रखना चाहते हैं, क्या घाटी में स्थिति सही करना चाहते हैं. तो आप ही की सरकार है. मगर यह लोग घाटी में अमन चैन नहीं चाहते हैं, गुड गवर्नेंस नहीं चाहते हैं. कश्मीर में अमन बहाल करने की इनकी कोई नीयत नहीं है.
कमलजीत संधू / अशोक सिंघल