बीजेपी सांसद बोले- #MeToo गलत प्रथा, इससे लोगों की छवि खराब हो रही

सांसद उदित राज का कहना है कि मीटू कैंपेन जरूरी है, लेकिन अगर 10 साल बाद ऐसे आरोप लगाए जाते हैं तो इसका क्या मतलब है? आपको बता दें कि उदित राज का बयान केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी से एकदम अलग है, जिन्होंने कहा कि सेक्सुअल हरेसमेंट के मामले चाहे वह कितने भी साल पुराने क्यों न हो FIR दर्ज होना चाहिए.

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उदित राज (फाइल फोटो) उदित राज (फाइल फोटो)

अंकुर कुमार

  • नई द‍िल्ली,
  • 09 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 1:11 PM IST

'मी टू' एक ऐसा हैशटैग है जिसने हमें बताया कि महिलाएं किस कदर गुस्से में हैं. हालांकि कई लोग इस कैंपेन के विरोध में भी उतर रहे हैं. नया नाम बीजेपी सांसद का है. बीजेपी सांसद उदित राज ने इसे गलत प्रथा बताया है. आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने जहां #MeToo कैम्पेन को समर्थन दिया है, वहीं भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के सांसद उदित राज ने सवाल खड़े कर दिए हैं.

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तनुश्री दत्ता मामले के बाद अब तमाम महिलाओं ने अपने खिलाफ हुए शोषण पर खुलकर आवाज उठानी शुरू कर दी है. नाना पाटेकर, कैलाश खेर और विकास बहल पर लगे यौन शोषण और हिंसा के आरोपों के बाद अब राइटर और फिल्ममेकर विनता नंदा ने आलोक नाथ के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया है.

वहीं कुछ लोग अब इस कैंपेन का विरोध कर रहे हैं. उदित राज ने ट्वीट कर कहा है कि कैम्पेन जरूरी है लेकिन किसी व्यक्ति पर 10 साल बाद यौन शोषण का आरोप लगाने का क्या मतलब है? इतने सालों बाद ऐसे मामले की सत्यता की जांच कैसे हो सकेगा?जिस व्यक्ति पर झूठा आरोप लगा दिया जाएगा उसकी छवि का कितना बड़ा नुकशान होगा ये सोचने वाली बात है.गलत प्रथा की शुरुआत है.

आपको बता दें कि उदित राज जैसे सवाल सोशल मीडिया पर कई दूसरे यूजर्स भी उठा रहे हैं. उनके अनुसार #metoo में सामने आ रहे आरोपियों के खिलाफ तुरंत शिकायत करनी चाहिए थी. वहीं आपको बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी इस कैंपेनिंग को अपना समर्थन दे चुकीं हैं. महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रस्ताव दिया है कि कोई भी पीड़ित यौन उत्पीड़न की शिकायत घटना के ‘10-15 साल’ बाद भी कर सकता है.

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आपको बता दें कि इन सबके बावजूद यह कैंपेन सोशल मीडिया पर तेजी से आगे बढ़ रहा है. इंटरटेनमेंट, मीडिया, एजुकेशन और राजनीति से जुड़े कई दिग्गज लोगों के नाम इस कैंपेन के तहत आरोप लग चुके हैं. आपको बता दें कि इस कैंपेन के बाद कई हस्त‍ियों को लिए मुश्किल भी हो गई है. AIB के CEO तन्मय भट्ट की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. कुछ दिन पहले टीम मेंबर उत्सव चक्रवर्ती पर एक महिला ने #metoo कैंपेन के तहत छेड़छाड़ का आरोप लगाया था. ग्रुप के एक दूसरे सदस्य गुरसिमरन खांबा पर भी एक महिला ने इमोशनल हैरेसमेंट का आरोप लगाया. इस पूरे मामले पर तन्मय भट्ट ने पर्दा डाला, लेकिन तूल पकड़ते ही AIB के ह्यूमन रिसोर्स ने आरोपी सदस्यों को टीम से बाहर का रास्ता दिया दिया. मामले की शुरुआत तब हुई जब AIB के कर्मचारी उत्सव चक्रवर्ती पर एक महिला ने सोशल मीडिया पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया. महिला ने बताया था कि तन्मय भट्ट को पूरे मामले की जानकारी थी. मगर उन्होंने उत्सव के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया. इसके बाद सोशल मीडिया पर तन्मय और AIB की खूब आलोचना की गई.

वहीं अब राइटर और फिल्ममेकर विनता नंदा ने आलोक नाथ के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया है. विनता ने एक लंबी-चौड़ी फेसबुक पोस्ट के जरिए पूरे मामले को खुलकर पब्लिक में सामने रखा है. हालांकि उन्होंने आलोक नाथ का नाम लिए बिना पोस्ट लिखा, "उन्होंने मेरे साथ शारीरिक दुर्व्यवहार किया, जब मैं साल 1994 के मशहूर शो 'तारा' के लिए काम कर रही थी.' इसके बाद आलोक नाथ का इस पर बयान भी सामने आ गया है." इस पूरे मामले पर जब 'आजतक' की टीम ने आलोक नाथ से ख़ास बातचीत की, तो उनका कहना था कि आज के जमाने में अगर कोई महिला किसी पुरुष पर आरोप लगाती है तो पुरुष का इस पर कुछ भी कहना मायने नहीं रखता. मैं विंटा को अच्छे से जानता हूं. इस समय इस मामले पर मैं चुप ही रहना चाहूंगा. उन्हें अपने विचार रखने का हक़ है. समय आने पर सही बाते सामने आ जाएंगी. फिलहाल मैं इस बात को पचाने की कोशिश में लगा हूं. बाद में इस पर कमेंट करूंगा.

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