मोहन भागवत के बयान पर बोलीं मायावती- आरक्षण विरोधी सोच छोड़े RSS

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के आरक्षण पर दिए बयान पर बसपा सुप्रीमो मायावती भी विरोध में उतर आई हैं. उन्होंने कहा कि आरएसएस को अपनी आरक्षण विरोधी सोच छोड़ देनी चाहिए.

Advertisement
बसपा सुप्रीमो मायावती बसपा सुप्रीमो मायावती

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 9:35 PM IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के आरक्षण पर दिए बयान पर बसपा सुप्रीमो मायावती भी विरोध में उतर आई हैं. उन्होंने कहा कि आरएसएस को अपनी आरक्षण विरोधी सोच छोड़ देनी चाहिए. मायावती ने ट्वीट कर लिखा, आरएसएस का एससी/एसटी/ओबीसी आरक्षण के संबंध में यह कहना कि इसपर खुले दिल से बहस होनी चाहिए, संदेह की घातक स्थिति पैदा करता है जिसकी कोई जरूरत नहीं है. आरक्षण मानवतावादी संवैधानिक व्यवस्था है, जिससे छेड़छाड़ अनुचित व अन्याय है. संघ अपनी आरक्षण-विरोधी मानसिकता त्याग दे तो बेहतर है.

Advertisement

दरअसल संघ प्रमुख ने रविवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि जो आरक्षण के पक्ष में हैं और जो इसके विरोध में हैं, उन्हें एक सौहार्दपूर्ण वातावरण में इस पर बातचीत करनी चाहिए. भागवत ने कहा कि उन्होंने पहले भी आरक्षण पर बोला है. उस पर काफी शोर-शराबा भी हुआ और पूरी बहस असली मुद्दे से हट गई.

उन्होंने कहा कि जो लोग आरक्षण के पक्ष में हैं, उन्हें उन लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए बोलना चाहिए, जो इसके खिलाफ हैं. इसी तरह जो विरोध में हैं, उन्हें पक्ष वालों के हितों का ख्याल रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि आरक्षण पर बातचीत का नतीजा और प्रतिक्रिया हमेशा तीव्र देखी गई है. जबकि इस मुद्दे पर समाज के विभिन्न वर्गों के बीच सौहार्द होना चाहिए. वहीं कांग्रेस ने भी संघ प्रमुख के बयान का विरोध किया है. पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ-भाजपा का दलित-पिछड़ा विरोधी चेहरा हुआ उजागर. गरीबों के आरक्षण को खत्म करने के षड्यंत्र व संविधान बदलने की अगली नीति बेनकाब.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement