लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने चौथी बार पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर लोकपाल चयन समिति की बैठक का बहिष्कार किया है. उन्होंने इस बार भी विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर बुलाए जाने का विरोध किया है. यह बैठक 21 अगस्त को ही होनी है.
उन्होंने कहा है कि वह तब तक मीटिंग में हिस्सा नहीं ले सकेंगे जब तक कि उन्हें सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी का नेता होने के नाते पूर्णकालिक सदस्य का दर्जा नहीं दिया जाता. वह इससे पहले भी तीन मौकों पर इसी वजह से बैठक का बहिष्कार कर चुके हैं.
खड़गे ने कहा है कि उन्होंने 28 फरवरी, 10 अप्रैल, 18 जुलाई को भी इसी आशय के पत्र लिखे थे. उन्होंने कहा है कि बार-बार चिट्ठी लिखने के बावजूद उन्हें सरकार की ओर से लोकपाल चयन समिति की बैठक में विशेष आमंत्रित सदस्य की हैसियत से बुलाया जा रहा है.
उन्होंने पीएम से कहा है कि वह ब्रीफ के पॉइंट नंबर आठ का भी जिक्र करना चाहते हैं जिसमें लिखा है कि मौजूदा चयन समिति में चार सदस्य हैं- प्रधानमंत्री, लोकसभा स्पीकर, भारत के मुख्य न्यायाधीश और प्रमुख न्यायवादी होने के नाते मुकुल रोहतगी. इससे भी यह स्पष्ट होता है कि समिति में लोकपाल एक्ट के तहत किसी विशेष आमंत्रित सदस्य का प्रावधान नहीं है.
खड़गे ने कहा है कि शायद सरकार की मंशा यह जताना है कि विपक्ष लगातार लोकपाल एक्ट को लागू करने में परेशानी खड़ी कर रहा है. उन्होंने कहा कि संसद की सेलेक्ट कमेटी के लोकपाल एक्ट में संशोधन करने के बावजूद सरकार इसे हाउस में पेश नहीं कर रही है.
उन्होंने कहा है कि लोकपाल अधिनियम 2013 के अनुसार सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता को पूर्णकालिक सदस्य का दर्जा नहीं देने तक वह इस बैठक में हिस्सा नहीं ले सकेंगे.
भारत सिंह