स्वच्छ भारत के लिए दिव्यांग ने चलाई 10 हज़ार किलोमीटर साइकिल

8 महीने 15 दिन से प्रदीप अपनी इस यात्रा पर हैं. मध्य प्रदेश से कन्याकुमारी होते हुए उन्होंने अपनी साइकिल से दिल्ली की ओर चल पड़े.

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प्रदीप कुमार सेन प्रदीप कुमार सेन

देवांग दुबे गौतम / नयनिका सिंघल

  • नई दिल्ली,
  • 27 जून 2018,
  • अपडेटेड 5:44 PM IST

मध्य प्रदेश से भारत भ्रमण करते हुए 10,380 किमी साइकिलिंग करते हुए इंदौर के दिव्यांग प्रदीप कुमार सेन ने बुधवार को दिल्ली पहुंचकर नया रिकॉर्ड बनाया है. 33 साल के प्रदीप इंदौर के रहने वाले हैं. बचपन से पेंटिंग, गायकी, डांसिंग का शौक रखने वाले प्रदीप एक सर्टिफाइड एक्टर भी हैं.

प्रदीप के लिए ज़िंदगी ने एक नया मोड़ तब लिया जब 2013 में रेल एक्सीडेंट में उन्होंने एक पैर गवां दिया, पर दिव्यांग का हौसला तो देखिए साइकिल पर सवार होकर स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत मिशन का प्रचार करने निकल गए.

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8 महीने 15 दिन से प्रदीप अपनी इस यात्रा पर हैं. मध्य प्रदेश से कन्याकुमारी होते हुए उन्होंने अपनी साइकिल से दिल्ली की ओर चल पड़े. तकरीबन 15 राज्यों से होते हुए और 10000 किमी की साइकिलिंग करते हुए प्रदीप वापस इंदौर रवाना हो रहे हैं.

प्लास्टिक का आर्टिफिशियल पैर होने के कारण प्रदीप को डिसबैलेंस की समस्या भी रहती है. प्रदीप ने यात्रा में सूरज की तपिश भी झेली और कड़ाके की सर्दी भी. प्रदीप के अनुसार पहाड़ों पर साइकिल चलाना सबसे ज्यादा कठिन था.

प्रदीप 30 किलो का सामान अपने कंधे पर ढोके घूमते हैं और रास्ते में आनी वाली मुश्किलों का सामना करने के लिए अपने पास टूल किट, मेडिकल किट, इलेक्ट्रॉनिक किट, कपड़े, ठंडा पानी का थर्मस और कंबल रखते है. रात के समय या आरम करने के लिए वह सरकारी गेस्ट हाउस, लॉज या पुलिस स्टेशन में ठहरते हैं.

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प्रदीप देश के लिए एक प्रेरणा हैं. वे अपने को विकलांग नहीं मानते, बल्कि जो लोग अपनी मजबूरियों के गुलाम हैं, उन्हें विकलांग कहते हैं. प्रदीप का अगला मकसद देश के लिए ओलिंपिक में पदक लाना है.

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