प्रदूषण पर बैठक से लापता रहने वाले अधिकारियों को लोकसभा अध्यक्ष की चेतावनी

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को उन अधिकारियों को तलब किया जो पिछले सप्ताह शहरी विकास पैनल की बैठक के दौरान लापता थे.

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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (फाइल फोटो-IANS) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (फाइल फोटो-IANS)

पॉलोमी साहा

  • नई दिल्ली,
  • 19 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:15 PM IST

  • लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अधिकारियों को किया तलब
  • DDA, नगर निगम, नगर आयुक्त और जल बोर्ड के सदस्य रहे मौजूद
  • अधिकारियों को गैरमौजूदगी पर लगी फटकार, मिली चेतावनी

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को उन अधिकारियों को तलब किया जो पिछले सप्ताह शहरी विकास पैनल की बैठक के दौरान लापता थे. बता दें कि संसद में डीडीए, नगर निगम, नगर आयुक्त और दिल्ली जल बोर्ड के सदस्य पहुंचे थे. स्पीकर ने उन्हें ऐसा दोबारा करने पर मामले में दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी.

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मंगलवार को लोकसभा सदन में प्रदूषण का मुद्दा उठा. टीएमसी सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने कहा कि जब हमारे पास 'स्वच्छ भारत मिशन' है, तो क्या हमारे पास 'स्वच्छ हवा मिशन ' नहीं हो सकता है? क्या हमें स्वच्छ हवा में सांस लेने का अधिकार सुनिश्चित नहीं किया जाना चाहिए? उन्होंने कहा कि दिल्ली में लोग मास्क लगाए घूम रहे हैं. दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में से 9 भारत में हैं. यह बेहद चिंता का विषय है.

क्रिकेटर पूर्वी दिल्ली से सांसद गौतम गंभीर ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण की हालत बेहद खराब है. कंस्ट्रक्शन साइट्स और ऑड-ईवन जैसे स्कीम लाकर हम प्रदूषण पर काबू नहीं पा सकते हैं . हमें एक स्थाई समाधान खोजना होगा और आरोप-प्रत्यारोप का दौर खत्म करना होगा.

वहीं इस मामले पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि रचनात्मक तरीके से इसपर काम किया जाना चाहिए. प्रदूषण पर ऐक्शन प्लान बनाया जाना चाहिए. इससे देशों के शहरों की हवा साफ हो सकती है तो भारत के 15 महानगरों की क्यों नहीं. सरकार कुछ घोषणा करती है या कुछ ऐक्शन प्लान का जिक्र करती है तो उसपर अमल करने की रणनीति की भी सदन में चर्चा होनी चाहिए. एक स्थायी कमेटी होनी चाहिए जो सिर्फ प्रदूषण और क्लाइमेट चेंज के बारे में सरकार के किए गए काम का आंकलन करे.

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वहीं सांसद पिनाकी मिश्रा ने कहा कि पहली बार इस समस्या पर चर्चा हो रही है जो हम पिछले सात आठ साल से झेल रहे हैं. हमारी बातों पर स्पीकर ने ध्यान दिया हम शुक्रगुज़ार हैं. स्टबल बर्निंग की समस्या पर ध्यान देना चाहिए सरकार को, लंदन के 1952 स्माग के हालात को ध्यान रखना चाहिए जब 12000 लोगों की मौत हुई थी. इसलिए सरकार को फौरन कदम उठाए जाने चाहिए.

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