लॉकडाउन 1.0: भारत ने कोरोना वायरस केस दोगुने होने की रफ्तार को कैसे किया कम?

इंडिया टुडे डेटा इंटेलिजेंस यूनिट (DIU) ने कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामलों के हर दिन के आंकड़ों को जोड़कर देखा तो पाया कि 21 दिन के पहले लॉकडाउन के आखिरी हफ्ते से कोरोना वायरस केस के बढ़ने की रफ्तार में कमी आई है.

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कोरोना मरीजों की जांच (फाइल फोटो-PTI) कोरोना मरीजों की जांच (फाइल फोटो-PTI)

निखिल रामपाल

  • नई दिल्ली,
  • 14 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 6:11 PM IST

  • केरल में कोरोना केस दोगुने होने की रफ्तार सबसे कम
  • जानिए, किस राज्य का लॉकडाउन में कैसा रहा प्रदर्शन

कोरोना वायरस संकट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक बार फिर राष्ट्र को संबोधित किया. इस संबोधन में प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने का ऐलान किया.

इससे पहले देशभर में 25 मार्च को लॉकडाउन का ऐलान किया गया था. उस वक्त इसकी अवधि 14 अप्रैल तक तय की गई थी. क्योंकि कोरोना वायरस का खतरा अब भी जारी है, इसलिए मोदी सरकार ने लॉकडाउन की अवधि और बढ़ाने का फैसला किया.

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कैसा रहा लॉकडाउन 1.0?

इंडिया टुडे डेटा इंटेलिजेंस यूनिट (DIU) ने कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामलों के हर दिन के आंकड़ों को जोड़कर देखा तो पाया कि 21 दिन के पहले लॉकडाउन के आखिरी हफ्ते से कोरोना वायरस केस के बढ़ने की रफ्तार में कमी आई है.

देशभर में 25 मार्च को लॉकडाउन लागू किया गया था. उससे पहले के हफ्ते (18-24 मार्च) को देखा जाए तो कोरोना वायरस केस हर 3.3 दिन (4 दिन से कम) में दोगुने हो रहे थे.

लॉकडाउन के पहले हफ्ते (25-31 मार्च) में कोरोना वायरस केस के बढ़ने की रफ्तार में कुछ कमी आई. इस हफ्ते में केस हर 5 दिन में दोगुने हुए. लेकिन अप्रैल के पहले हफ्ते (लॉकडाउन का दूसरा हफ्ते) में तबलीगी जमात देश में कोरोना वायरस संक्रमण को फैलाने वाला बड़ा कारण बना. इस हफ्ते में कोरोना वायरस केस बढ़ने की रफ्तार में तेजी आई लेकिन ये रफ्तार तब भी लॉकडाउन लागू होने से पहले के हफ्ते की तुलना में कम रही.

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1 से 7 अप्रैल के बीच देश में कोरोना वायरस केस हर 4.3 दिन में हुए दोगुने

लॉकडाउन का आखिरी हफ्ता यानी 8 से 13 अप्रैल के बीच केस बढ़ने की रफ्तार में खासी कमी आई. इस दौरान कोरोना वायरस केस ने दोगुना होने में एक हफ्ते से ज्यादा का वक्त लिया. 8 अप्रैल को भारत में पुष्ट केस की संख्या 5,274 थी, ये 13 अप्रैल तक बढ़ कर 9,352 हो गई. यानी इस दौरान केस हर 7.2 दिन में दोगुने हुए.

जानिए, राज्यों का हाल

अगर राज्यों को देखा जाए तो अलग-अलग नतीजे सामने आए. कुछ राज्यों को वक्र सीधा करने में कामयाबी मिली तो कुछ को ऐसा होने का अभी इंतजार है. केरल में कोरोना वायरस के फैलने की रफ्तार में सबसे ज्यादा कमी देखी गई.

लॉकडाउन से पहले के हफ्ते में केरल में कोरोना वायरस केस हर 2.9 दिन में दोगुने हो रहे थे. लॉकडाउन के पहले हफ्ते में कोरोना वायरस केस हर 5.4 दिन में दोगुने हुए. लॉकडाउन के दूसरे हफ्ते में केरल में कोरोना वायरस केस बढ़ने की रफ्तार में और कमी आई. इस हफ्ते में राज्य में हर 13 दिन में केस दोगुने हुए. वहीं, 8 से 13 अप्रैल के बीच केस हर 24.6 दिन में दोगुने होने की रफ्तार से बढ़े.

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बता दें कि भारत में Covid-19 का पहला केस केरल से ही इस साल जनवरी के आखिर में रिपोर्ट हुआ था. फिर एक महीने तक राज्य में पुष्ट केस 3 से ज्यादा नहीं बढ़े. लेकिन मार्च के शुरू में केरल ने कोरोना वायरस की दूसरी लहर देखी. राज्य ने Covid-19 केस बढ़ने की संख्या को नियंत्रण में रखा है. यहां से सामुदायिक संक्रमण की रिपोर्ट सामने नहीं आई. यहां ठीक होने वाले लोगों की संख्या भी ऊंची रही.

इसी तरह कोरोना वायरस केस दोगुने होने का वक्त जिन राज्यों में 10 दिन से ज्यादा है, उनमें हरियाणा (15.1), तेलंगाना (11.9), कर्नाटक (10.1) और उत्तर प्रदेश (10.1) हैं.

सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों की स्थिति

13 अप्रैल को महाराष्ट्र, दिल्ली और तमिलनाडु ऐसे राज्य थे जिनमें कोरोना वायरस केस की कुल संख्या 1,000 से अधिक थी.महाराष्ट्र ऐसा राज्य है जहां देश में सबसे ज्यादा कोरोना वायरस केस (13 अप्रैल तक 1,985) सामने आ चुके हैं. लॉकडाउन के पहले हफ्ते में महाराष्ट्र में हर 6.7 दिन मे कोरोना वायरस केस दोगुने हुए. लेकिन अप्रैल के पहले हफ्ते में संक्रमण फैलने में तेजी आई और हर 4 दिन में केस दोगुने हुए. लेकिन 8 से 13 अप्रैल के बीच स्थिति में सुधार हुआ और कोरोना वायरस केस दोगुने होने की रफ्तार में कमी आई. इस दौरान हर 5.2 दिन में केस दोगुने हुए.

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देश की राजधानी दिल्ली में 13 अप्रैल तक 1,176 पुष्ट केस सामने आ चुके थे. दिल्ली में भी स्थिति में थोड़ा सुधार आया है. लॉकडाउन के पहले हफ्ते में दिल्ली में कोरोना वायरस केस हर 3.5 दिन में दोगुने हुए. लॉकडाउन के दूसरे हफ्ते (अप्रैल के पहले हफ्ते) में तबलीगी जमात केस सामने आने से कोरोना वायरस केस बढ़ने की रफ्तार तेज हो गई. इस दौरान हर 3.1 दिन में दिल्ली में कोरोना वायरस केस दोगुने हुए. दिल्ली में भी 8 से 13 अप्रैल के बीच स्थिति कुछ सुधरी. इस दौरान यहां हर 4.9 दिन में कोरोना वायरस केस दोगुने हुए.

तमिलनाडु में 13 अप्रैल तक 1,075 पुष्ट केस सामने आ चुके थे. लॉकडाउन के पहले हफ्ते में इस दक्षिणी राज्य में हर 2.9 दिन में कोरोना वायरस केस दोगुने हुए. लेकिन अगले दो हफ्तों में यहां स्थिति बेहतर हुई. यहां 1 से 7 अप्रैल के बीच हर 4.3 दिन में केस दोगुने हुए वहीं 8 से 13 अप्रैल के बीच ऐसा होने में 7.8 दिन लगे.

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गुजरात का केस कुछ हट कर

डेटा बताता है कि लॉकडाउन से पहले गुजरात में बहुत धीमी रफ्तार से कोरोना वायरस केस बढ़ रहे थे. राज्य में 100 केस का आंकड़ा 4 अप्रैल को पार हुआ. 13 अप्रैल तक गुजरात 539 पुष्ट केस सामने आ चुके थे.

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डेटा बताता है कि लॉकडाउन की अवधि में भी गुजरात में कोरोना वायरस केस के दोगुने होने की रफ्तार कम नहीं हुई. यहां लॉकडाउन के पहले हफ्ते में कोरोना वायरस केस हर 6.4 दिन में दोगुने हुए. लॉकडाउन के दूसरे हफ्ते में ऐसा होने में 5.9 दिन लगे. 8 से 13 अप्रैल के बीच राज्य में स्थिति और खराब हो गई. इस अवधि में हर 2.9 दिन में ही गुजरात में कोरोना वायरस केस दोगुने हो गए.

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