कुंभ मेले में दूसरे दिन भी साधुओं और श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहा. कुंभ मेले में हमेशा की तरह लोग साधुओं और नागा बाबाओं के साथ तस्वीरें खिंचाते रहे. हालांकि, कुछ साधुओं की अजब-गजब वेशभूषा सबसे ज्यादा चर्चा में है. विदेशी पर्यटक भी कुंभ मेले में बाबाओं के अलग-अलग रंग-रूप देखकर हैरान हैं.
जूना अखाड़ा के महंत शक्तिगिरि आकर्षक सनग्लासेस पहनकर बैठे हुए नजर आए. गिरि ने अपने शरीर पर 70 किलो की माला पहनी हुई है. उन्हें 'रुद्राक्ष वाले बाबा' नाम भी दे दिया गया है. रुद्राक्ष के मुकुट का वजन 22 किलो है जबकि बाकी शरीर पर 49 किलो वजनी रुद्राक्ष का घेरा बना हुआ है.
वहीं, कुछ बाबा जानवरों का साथ पकड़े हुए नजर आए. कुंभ मेले में एक बाबा के हाथ में कबूतर था. इन बाबा को भीड़ ने कबूतर बाबा का नाम दे दिया है.
इस बार का कुंभ मेला बेहद खास है. मेले में ना केवल देश के कोने-कोने से पर्यटक आए हुए हैं बल्कि विदेशी भी इस भव्य आयोजन का अनुभव लेने के लिए आए हुए हैं.
पैरिस के गिएन पियरे जिन्हें भारत में हरि प्यारे के नाम से जाना जा रहा है, कुंभ में दूसरी बार भाग लेने आए हैं. वह कहते हैं कि कोई भी सम्मेलन आस्था का इतना मजबूत संदेश नहीं दे सकता है.
उन्होंने बताया- मैं ऋषिकेश में पिछले 6 महीनों से योग सीख रहा हूं और वहां लोग मुझे हरि प्यारे बुलाते हैं. मैंने पिछली बार भी कुंभ में शामिल हुआ था.
साधुओं-बाबाओं के निराले अंदाज पर उन्होंने कहा, यहां का वातवरण अद्भुत है और तरह-तरह की वेशभूषा वाले साधु पूरे मेले का आकर्षण का केंद्र बन चुके हैं.
प्रज्ञा बाजपेयी