क्या है वो रक्षा घोटाला? जिसमें जया जेटली को सजा हुई और वो जेल भी नहीं गईं

सीबीआई की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को ही 2000-01 के कथित रक्षा सौदे में भ्रष्टाचार के मामले में समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली, उनकी ही पार्टी के पूर्व सहयोगी गोपाल पचेरवाल और रिटायर्ड मेजर जनरल एसपी मुरगई को चार साल कैद की सजा सुनाई थी.

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जानिए क्या है तहलका कांड? जानिए क्या है तहलका कांड?

दीपक सिंह स्वरोची

  • नई दिल्ली,
  • 31 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 6:18 PM IST

  • रक्षा सौदा मामले में ट्रायल कोर्ट से 4 साल की सजा
  • हाई कोर्ट ने सस्पेंड किया जेल जाने की सजा

समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली को कथित रक्षा सौदा मामले में ट्रायल कोर्ट से हुई चार साल की सजा को दिल्ली हाई कोर्ट ने सस्पेंड कर दिया है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने इस मामले में जया जेटली की ओर से उन्‍हें दोषी ठहराने और सजा सुनाए जाने को लेकर की गई अपील पर सीबीआई से जवाब मांगा है.

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दरअसल सीबीआई की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को ही 2000-01 के कथित रक्षा सौदे में भ्रष्टाचार के मामले में समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली, उनकी ही पार्टी के पूर्व सहयोगी गोपाल पचेरवाल और रिटायर्ड मेजर जनरल एसपी मुरगई को चार साल कैद की सजा सुनाई थी.

अदालत की कार्रवाई बंद कमरे में हुई. विशेष सीबीआई न्यायाधीश वीरेंद्र भट्ट ने तीनों दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए, गुरुवार शाम पांच बजे तक आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था. हालांकि जया जेटली की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने चार साल की सजा को सस्पेंड कर दिया है.

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क्या है पूरा मामला?

साल 2000-2001 में एक निजी मीडिया हाउस 'तहलका' ने 'ऑपरेशन वेस्ट एंड' नाम से एक स्टिंग ऑपरेशन किया था. जिसमें रक्षा मंत्रालय से जुड़े कई बड़े अफसर और नेता घूस लेते हुए दिखाए गए थे. इस मामले में सीबीआई ने चार आरोपियों- जया जेटली, तत्कालीन मेजर जनरल एसपी मुरगई, गोपाल के पचेरवाल और सुरेंद्र कुमार सुरेखा के खिलाफ केस दर्ज किया था.

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हालांकि बाद में सुरेखा सरकारी गवाह बन गए थे. इन तीनों को हाथ से चलाए जाने वाले 'थर्मल इमेजर्स' की कथित खरीद के मामले में भ्रष्टाचार तथा आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया गया.

25 दिसंबर 2000 को होटल के कमरे में हुई बैठक में सुरेंद्र कुमार सुरेखा और तत्कालीन मेजर जनरल एसपी मुरगई ने वेस्टेंड इंटरनेशनल नाम की काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधि मैथ्यू सैम्युअल को रक्षा मंत्रालय से उसकी कंपनी द्वारा निर्मित उत्पाद के मूल्यांकन के लिए पत्र जारी करवाने का भरोसा दिया था.

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कोर्ट ने पाया कि जया जेटली ने मैथ्यू सैमुअल से वेस्टेंड इंटरनेशनल के प्रतिनिधि के रूप में 2 लाख रुपये के अवैध अनुदान को स्वीकार किया. वहीं एसपी मुरगई को 20,000 रुपये मिले. तीनों के साथ सुरेंद्र कुमार सुरेखा आपराधिक साजिश के मामले में पक्षकार थे.

अदालत ने कहा कि सुरेखा और मुगरई को 1 लाख रुपये और जेटली को 2 लाख रुपये देने पर सहमति बनी. कोर्ट ने कहा था कि भ्रष्टाचार और व्यक्तिगत प्रभाव का इस्तेमाल संबंधित अधिकारियों पर करके, गैर कानूनी तरीके से संबंधित उत्पाद के लिए मूल्यांकन पत्र हासिल करने के वास्ते उनके बीच समझौता हुआ.

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इस स्टिंग के सामने आने के बाद तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस को इस्तीफा देना पड़ा था. क्योंकि जया जेटली उनके साथ उनके घर में रहती थीं और स्टिंग का एक हिस्सा रक्षा मंत्री के घर में रिकॉर्ड किया गया था. विपक्ष ने तहलका कांड को लेकर तत्कालीन रक्षा मंत्री फर्नांडिस को बुरी तरह घेर लिया था, जिसके बाद उन्हें मजबूरन इस्तीफा देना पड़ा. उनसे पहले ही समता पार्टी की तत्कालीन अध्यक्ष जया जेटली को भी इस्तीफा देना पड़ा था.

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