किसान मुक्ति मार्च: गूगल मैप में देखिए कहां-कहां से दिल्ली आ रहे हैं किसान

अपनी दुश्वारियों से आजिज किसान एक बार फिर दिल्ली की तरफ देख रहे हैं. बैंकों के लोन, फसल की सही कीमत न मिलना और सिंचाई की समस्या से दो-चार होते हुए भी खेती-किसानी करने वाले किसानों ने एक बार फिर हल-बीज को किनारे रखकर झंडा उठा लिया है.

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फाइल फोटो फाइल फोटो

विकास कुमार

  • नई दिल्ली,
  • 28 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 12:27 PM IST

चिड़ियों के जगने से पहले खाट छोड़ उठ जाने वाला किसान एक बार फिर दिल्ली के सफर पर निकल चुका है. देश के 11 राज्यों के किसान और खेतिहर मजदूर अपनी मांगों को लेकर देश की राजधानी दिल्ली का दरवाजा खटखटाने के लिए आ रहे हैं. वो अपने हिस्से की राहत मांगने के लिए अपने घरों से निकल चुके हैं.

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर देशभर के दो सौ से ज्यादा किसान-मजदूर संगठन के बैनर तले हजारों किसान 28 नवंबर की शाम से दिल्ली में दाखिल होंगे.

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तो क्या दिल्ली में दाखिल होते ही प्रदर्शनकारी किसान संसद मार्ग के लिए कूच कर जाएंगे?

इस सवाल के जवाब में स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनुपम कहते हैं, 'नहीं. ऐसा बिल्कुल नहीं है. हम किसानों की मांग लेकर आ रहे हैं. हम किसी तरह की अव्यवस्था नहीं चाहते. शांतिपूर्वक हम अपना कार्यक्रम करना चाहते हैं. लिहाजा हमारा एक तय रूटीन है. 28 नवंबर की शाम से किसान दिल्ली में पहुंचना शुरू हो जाएंगे. बाहर से आ रहे किसान साथियों के लिए बिजवासन(दिल्ली) में एक कैंप बनाया गया है. 28 की रातभर किसान यहां आते रहेंगे. रात हम इसी कैंप में बिताएंगे. अगले दिन सुबह किसान यहां से रामलीला मैदान के लिए मार्च करना आरंभ करेंगे. लगभग 26 किलोमीटर की ये दूरी हम 6 घंटे में पूरी कर लेंगे. किसानों का जत्था 29 नवंबर की रात रामलीला मैदान में ही रुकेगा. अगले दिन यानी 30 नवंबर की सुबह राम लीला मैदान से संसद मार्ग के लिए मार्च किया जाएगा.’

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आयोजकों के मुताबिक 'किसान मुक्ति यात्रा' में चालीस से पच्चास हजार किसान और खेतीहर मजदूर शामिल हो रहे हैं.

सोशल मीडिया पर भी है तैयारी

चुनाव जीतने के लिए नेता सोशल मीडिया को साधना अहम मानते हैं. हालिया चुनावों में तो कुछ पार्टियों ने टिकट देने में उन्हें वरीयता दी जो सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं और जिनके पास फलोअर्स की अच्छी-खासी फौज है. कहने का मतलब कि आज के समय में सोशल मीडिया पर मौजूदगी और सक्रियता को मैनेज करना भी जरूरी है. शायद इसी वजह से इस बार किसानों के मार्च के लिए भी सोशल मीडिया पर खास तैयारी दिख रही है. मार्च से जुड़े किसी भी तरह के अपडेट जानने या देने के लिए #dillichalo और #kisanMuktiMarch हैशटैग जारी किए गए हैं.

इसके अलावा प्रोफेशनल्स का भी आह्वान किया गया है. फोटोग्राफर्स के लिए #PhotographersForFarmers और कलाकारों के लिए  #ArtistForfarmers जारी किया गया है.

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