हरिद्वार से किसानों का मार्च गाजियाबाद पहुंचा, दिल्ली बॉर्डर सील

पूर्ण कर्जमाफी और उपज की सही कीमत मिले, इसकी मांग को लेकर किसानों का जत्था हरिद्वार से दिल्ली के लिए कूच कर गया है. रविवार शाम तक किसान यात्रा यूपी के मुरादनगर तक पहुंच गई लेकिन दिल्ली पुलिस ने इन्हें आगे बढ़ने पर रोक लगा दी है.

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फाइल फोटो (रॉयटर्स) फाइल फोटो (रॉयटर्स)

रविकांत सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 01 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 12:34 PM IST

किसान क्रांति यात्रा को दिल्ली में घुसने पर रोक लगा दी गई है. कर्ज माफ करने और बिजली के दाम घटाने जैसी मांग को लेकर किसानों के एक जत्थे ने हरिद्वार से दिल्ली के लिए कूच किया है. दिल्ली पुलिस ने किसानों को इस आंदोलन की इजाजत नहीं दी है. लिहाजा उन्हें दिल्ली में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है और दिल्ली को चारों तरफ से सील कर दिया गया है. अपनी मांगों को लेकर कई किसान संगठन 2 अक्टूबर को दिल्ली पहुंचकर राजघाट से संसद तक विरोध मार्च करने वाले हैं.

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सोमवार को उजबेकिस्तान के राष्ट्रपति अपनी पत्नी के साथ भारत दौरे पर पहुंचे हैं. 2 अक्टूबर को गांधी जयंती है. राजघाट और आसपास के इलाकों में हाई प्रोफाइल गतिविधि को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने कानून व्यवस्था के कड़े बंदोबस्त किए हैं. राजघाट और संसद के आसपास चौकसी बढ़ा दी गई है. किसानों का प्रवेश न हो पाए, इसलिए गाजीपुर और महाराजपुर बॉर्डर को सील कर दिया गया है.

राजघाट से संसद तक मार्च

देशभर के हजारों किसान भारतीय किसान यूनियन की अपील पर दिल्ली पहुंच रहे हैं. इनका जत्था हरिद्वार से दिल्ली के लिए कूच कर गया है. रविवार शाम तक किसानों का समूह यूपी के मुराद नगर तक पहुंच गया है. किसानों की योजना 1 अक्टूबर को दिल्ली में प्रवेश कर 2 अक्टूबर को राजघाट से संसद तक मार्च करने का है लेकिन दिल्ली पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी है.

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रविवार दोपहर में दिल्ली पुलिस मुख्यालय में एक उच्च स्तरीय बैठक कर किसानों को रोकने की योजना बनाई गई. इसके बाद शाम को गाजीपुर और महाराजपुर बॉर्डर को एहतियातन सील कर दिया गया.

किसानों की मांग

किसान क्रांति यात्रा के तहत नौ प्रमुख मांगें उठाई गई हैं. इनमें सबसे अहम किसानों की कर्जमाफी है. साथ ही उपज की सही कीमत मिल सके, इसके लिए भी किसानों ने अपनी आवाज बुलंद की है. किसानों की शिकायत है कि उनकी समस्याओं के प्रति सरकार गंभीर नहीं है, इसी के चलते देशभर में आंदोलन हो रहे हैं. फसल की सही कीमत न मिलने के कारण किसान दिनोंदिन खुदकुशी के लिए मजबूर हो रहे हैं. एक मांग यह भी है कि जिन किसानों ने खुदकुशी की है, उनके परिवारों का पुर्नवास किया जाए और नौकरी दी जाए.

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