पेट्रोल-डीजल पर केरल और बिहार ने नहीं दी राहत, बनाया यह 'बहाना'

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी के लिए राज्यों से भी वैट में कमी का अनुरोध किया, लेकिन केरल और बिहार ने अपनी बात कहते हुए फिलहाल ऐसा करने से इनकार कर दिया है.

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सांकेतिक तस्वीर (फोटो-ट्विटर) सांकेतिक तस्वीर (फोटो-ट्विटर)

सुरेंद्र कुमार वर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 04 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 10:20 PM IST

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के बाद गुरुवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसकी कीमतों में 2.50 रुपये प्रति लीटर की कटौती का ऐलान कर दिया और ऐसा ही राज्यों से करने का अनुरोध भी किया, लेकिन कुछ राज्यों ने उनके अनुरोध को नहीं माना जिसमें बिहार और केरल जैसे राज्य भी शामिल हैं.

वित्त मंत्री जेटली के ऐलान के बाद कुछ ही घंटे के अंदर 12 बीजेपी शासित राज्यों ने वैट में कमी लाते हुए पेट्रोल-डीजल या फिर सिर्फ पेट्रोल या सिर्फ डीजल में राहत दे दी. महाराष्ट्र पेट्रोल में कमी का ऐलान करने वाला पहला राज्य बना. हालांकि उसने डीजल में अभी कोई राहत नहीं दी है. अब तक 13 राज्यों ने राहत देने का ऐलान कर रखा है.

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महाराष्ट्र (पेट्रोल) के अलावा झारखंड ने भी सिर्फ एक (डीजल) में ही छूट दिया था लेकिन अब वहां पर पेट्रोल में भी यही छूट देने का ऐलान किया. जबकि गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, असम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, त्रिपुरा और गोवा ने दोनों में ही छूट देने का फैसला लिया. अब जम्मू-कश्मीर ने भी 2.5 रुपये की छूट का ऐलान किया जिससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 5 रुपये की कमी आएगी.

लेकिन इसके इतर बिहार और केरल ने अपने राज्य के लोगों के लिए फौरी तौर पर अपनी जनता को कोई राहत देने से मना कर दिया. बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि हमें जेटली जी से कोई पत्र नहीं प्राप्त हुआ है. पहले हम आदेश देखेंगे फिर पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर फैसला करेंगे. हर राज्यों की अपनी-अपनी स्थिति होती है, इसलिए पहले पत्र आने दीजिए.

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दूसरी ओर, केरल ने भी तुरंत किसी तरह की कटौती करने से मना कर दिया है. राज्य के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने कहा कि राज्य अभी तेल के दामों में कटौती करने की स्थिति में नहीं है. हमने कुछ महीने पहले ही ऐसा किया था. अगर केंद्र ऐसा कुछ करता है तो हम इस पर कुछ विचार कर सकते हैं.

केरल और बिहार के अलावा दिल्ली सरकार भी किसी तरह की कटौती के मूड में नहीं दिख रही. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेटली के 2.5 रुपये की कटौती के फैसले के बाद ट्वीट करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने एक्साइज़ ड्यूटी 10 रुपये प्रति लीटर बढ़ाई और मात्र 2.50 रुपये आज कम कर दी? ये तो धोखा हुआ. केंद्र सरकार को कम से कम 10 रुपये प्रति लीटर की कमी करनी चाहिए.

हालांकि इस फैसले पर राजनीति भी शुरू हो गई है. बीजेपी ने इसके लिए केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया. पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि पेट्रोल की कीमतों पर केंद्र सरकार ने जो ढाई रुपये कम किया है उसका बीजेपी स्वागत करती है. आम आदमी के हित में लिया गया फैसला है. इतना ही नहीं केंद्र सरकार ने तमाम राज्य सरकारों को भी ढाई रुपये वैट में से कम करने के लिए कहा है ताकि आम आदमी की प्रति लीटर तेल की खरीद में 5 रुपये की बचत हो.

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आम आदमी पार्टी की तरह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी तेल की कीमतों में कम से कम 10 रुपये की कमी की मांग की है.

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