कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन अभी भी लागू है. लॉकडाउन के चौथे चरण में कुछ सहूलियतें भी दी गई हैं. इसके बावजूद तमाम सख्ती भी बरती जा रही है. कर्नाटक में बाहर से आए लोगों के लिए काफी सख्त नियम हैं वहां लोगों को राज्य में पहुंचने के साथ ही संस्थागत क्वारनटीन से गुजरना पड़ता है. ऐसे में वहां कुछ लोग बाकी लोगों को जल्दी घर जाने का लालच देकर पैसे ऐंठने की जुगत भी कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला बेंगलुरु के दिवा रेजिडेंसी होटल में सामने आया है.
जिस व्यक्ति ने दिवा रेजिडेंसी होटल में क्वारनटीन किए लोगों को यह ऑफर दिया था उस व्यक्ति के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. बता दें कि दिल्ली से बेंगलुरु पहुंचे करीब 70 लोगों को 14 दिनों के लिए होटल में क्वारनटीन कर दिया गया था. कृष्ण गौड़ा के रूप में पहचाने गए आरोपी व्यक्ति ने एक बुजुर्ग दंपति के साथ इस तरह की बातचीत की थी.
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आरोपी ने लोगों से कहा था कि अगर उन्होंने उसे 25,000 रुपये का भुगतान किया तो वे उस रात खुद घर जा सकेंगे. रिकॉर्ड की गई बातचीत में, वह कहता है, '18,000 कमरे का किराया है. फिर 4200 डॉक्टर की फीस है... इसे ठीक करने के लिए. अब और जरूरत नहीं है. वे आपको कोई भी कॉल नहीं करेंगे. कोई भी जांच नहीं होगी. वे इसे ठीक करवा देंगे. आपको कोई फोन कॉल नहीं आएगी न ही कोई दिक्कत होगी.' इसके साथ ही आरोपी को यह कहते हुए भी सुना जाता है, 'अगर आप सहमत हैं. तो हम आज रात 12 बजे आपके लिए एक वाहन की व्यवस्था करेंगे.'
क्वारनटीन में रह रहे जिन लोगों को यह प्रस्ताव दिया गया था उन्होंने इसे ठुकराना ही बेहतर समझा और सारे झमेले से दूर रहने का फैसला किया. इसके साथ ही उन्होंने इस बारे में बीबीएमपी के अधिकारियों को सूचित किया जिन्होंने पुलिस के पास शिकायत दर्ज की. पुलिस ने शुक्रवार को इस मामले में एक प्राथमिकी भी दर्ज की है.
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आजतक ने क्वारनटीन में रह रहे उन लोगों में से एक से बात की, जिन्हें शनिवार को छुट्टी दे दी गई. हालांकि फिलहाल उन्हें होम क्वारनटीन रहने के लिए कहा गया है. उन्होंने आजतक को बताया कि उन्होंने ही दूसरों को भी ऐसा कोई भुगतान करने और घर जाने के लिए मना किया था.
उन्होंने कहा, "हम अभी भी नहीं जानते कि वह वहां पर कैसे पहुंच गया. उन्होंने हमें बताया कि वह कोई बाहरी व्यक्ति था. हमें पूरा यकीन है कि वह या तो होटल या बीबीएमपी से संबंधित था. क्वारनटीन होटलों में, आपको घुसने का मौका नहीं मिलेगा. वह लंबे समय से वहां था. यहां तक कि उसने हमारे पहले दिन के नाश्ते के लिए भी हमसे पैसे लिए थे."
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नोलान पिंटो