जस्टिस रंजन गोगोई होंगे सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश, 3 अक्टूबर को लेंगे शपथ

नियम कायदों के मुताबिक शीर्ष कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज को चीफ जस्टिस बनाया जाता है, और वरिष्ठता के हिसाब से जस्टिस गोगोई मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के बाद सबसे ऊपर हैं.

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जस्टिस रंजन गोगोई. (फाइल फोटो) जस्टिस रंजन गोगोई. (फाइल फोटो)

संजय शर्मा / वरुण शैलेश

  • नई दिल्ली,
  • 01 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 8:47 PM IST

जस्टिस रंजन गोगोई सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा उनके नाम की सिफारिश भेजेंगे. नियम के मुताबिक सबसे वरिष्ठ जज मुख्य न्यायाधीश होते हैं. मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस रंजन गोगोई 3 अक्टूबर को शपथ लेंगे. उम्मीद की जा रही है कि अगले दो हफ्ते के भीतर सरकार के अनुरोध पर राष्ट्रपति सचिवालय जस्टिस गोगोई को अगले चीफ जस्टिस के लिए नामांकित कर देगा.

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जस्टिस रंजन गोगोई का देश का अगला मुख्य न्यायाधीश बनना तय माना जा रहा था. इंडिया लीगल के मुताबिक कानून मंत्रालय ने प्रोटोकॉल के तहत जस्टिस दीपक मिश्रा से अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने की घोषणा की है. सूत्रों के मुताबिक सीजेआई दीपक मिश्रा ने रंजन गोगोई के नाम की सिफारिश कर दी है. वर्तमान मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा दो अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं.

परंपराओं के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज को चीफ जस्टिस बनाया जाता है, और सीनियॉरिटी के हिसाब से जस्टिस गोगोई मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के बाद सबसे ऊपर हैं. बता दें कि 12 फरवरी 2011 को जस्टिस गोगोई पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने. 23 अप्रैल 2012 को वह सुप्रीम कोर्ट में आए. बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर जस्टिस गोगोई का कार्यकाल एक साल, एक महीने और 14 दिन का होगा. वह 17 नवंबर 2019 को सेवानिवृत्त होंगे.

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जस्टिस दीपक मिश्रा पर उठा चुके हैं सवाल

गौरतलब है कि जस्टिस रंजन गोगोई सुप्रीम कोर्ट के उन चार जजों में शामिल हैं जिन्होंने पहली बार मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ आरोप लगाए थे. सवाल उठाने वाले सुप्रीम कोर्ट के चार जजों में जस्टिस रंजन गोगोई के साथ जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ शामिल थे.

चारों जजों ने न सिर्फ अनियमितता को लेकर लिखी चिट्ठी को सार्वजनिक कर दिया बल्कि चीफ जस्टिस पर नियमों की अनदेखी कर केस जजों या फिर खंडपीठ को सौंपने का आरोप लगाया. जिसमें कई केस काफी अहम हैं. चारों जजों ने कहा कि अगर न्याय व्यवस्था को दुरुस्त नहीं किया गया तो लोकतंत्र महफूज नहीं रहेगा. चारों जजों ने कहा कि उन्होंने अपनी बातें चीफ जस्टिस के सामने रखी. उन्हें चिट्ठी भी लिखी, लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया. इसके बाद उनके पास देश के सामने अपनी बात रखने के अलावा कोई चारा नहीं था.

कौन हैं जस्टिस रंजन गोगोई

जस्टिस रंजन गोगोई असम से आते हैं और वह सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जजों में शामिल हैं, और वरिष्ठता के आधार पर अक्टूबर, 2018 में वह देश की सबसे बड़ी अदालत में जस्टिस दीपक मिश्रा के रिटायर होने के बाद मुख्य न्यायाधीश बनने की कतार में हैं. ऐसा हुआ तो वह भारत के पूर्वोत्तर राज्य से इस शीर्ष पद पर काबिज होने वाले पहले जस्टिस होंगे. उन्होंने गुवाहाटी हाई कोर्ट से करियर की शुरुआत की. उनके पिता केशब चंद्र गोगोई असम के मुख्यमंत्री रहे हैं.

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