JNU का HC में जवाब, यौन शोषण के आरोपी प्रोफेसर जौहरी को सभी प्रशासनिक पदों से हटाया

जेएनयू ने कोर्ट को दी अपनी स्टेटस रिपोर्ट में ये भी कहा है कि उनकी एंट्री लैब में बैन कर दी गई है. बता दें कि जेएनयू की 8 छात्राओं ने लैब में प्रोफेसर द्वारा उनका शोषण करने का आरोप लगाया था.

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लैब हेड और वॉर्डन के पद से हटाए गए जौहरी लैब हेड और वॉर्डन के पद से हटाए गए जौहरी

परमीता शर्मा / पूनम शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 02 मई 2018,
  • अपडेटेड 4:39 PM IST

दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के प्रोफेसर अतुल जौहरी को लेकर जेएनयू प्रशासन ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि जौहरी को तमाम प्रशासनिक पदों से हटा दिया गया है, जिनमें लैब के हेड और वॉर्डन के पद शामिल है. लेकिन जेएनयू ने कहा है कि उन्हें एकेडमिक पद  (प्रोफेसर) से जांच पूरी होने और दोषी साबित होने तक नहीं हटाया जा सकता, जेएनयू का ये भी कहना था कि छात्राओं ने इंटरनल कंप्लेन कमेटी को भी शिकायत नहीं की है.

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जेएनयू ने कोर्ट को दी अपनी स्टेटस रिपोर्ट में ये भी कहा है कि उनकी एंट्री लैब में बैन कर दी गई है. बता दें कि जेएनयू की 8 छात्राओं ने लैब में प्रोफेसर द्वारा उनका शोषण करने का आरोप लगाया था. जेएनयू से दिल्ली हाइकोर्ट ने ये भी पूछा है कि क्या जामिया से कुछ दिन के लिए प्रोफेसर जौहरी को रिप्लेस किया जा सकता है.

8 छात्राओं ने हाइकोर्ट में प्रोफेसर को हटाने के लिए याचिका लगाई, और कहा कि कैंपस में प्रोफेसर की मौजूदगी उन्हें डराती है. 23 मई को मामले की अगली सुनवाई होगी. मार्च में प्रोफेसर जौहरी को पुलिस ने छात्राओं की शिकायत पर गिरफ्तार कर लिया था लेकिन कुछ ही घंटों में प्रोफेसर को कोर्ट से जमानत मिल गई थी, उनके खिलाफ 8 छात्राओं ने 8 एफआईआर दर्ज करवाई थीं.

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दिल्ली हाईकोर्ट ने आज की सुनवाई में प्रोफेसर अतुल जौहरी को भी नोटिस दिया है. इसके अलावा कमेटी को भी अगली सुनवाई पर अपनी जांच रिपोर्ट देने के लिए हाइकोर्ट ने निर्देश दिए हैं. आज की सुनवाई में जेएनयू ने कहा है कि अगर पीड़ित छात्राएं 3 महीने की छुट्टी पर जाना चाहती हैं, तो वो जा सकती हैं.

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