केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों के बाद आजतक से बातचीत में कहा कि भारत सरकार ने अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं. ऐसी कायराना हरकत करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.
CRPF जवानों के SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिव प्रोसीजर) को और बेहतर बनाने के सवाल पर जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसे और अच्छा बनाने का प्रयास किया जाएगा. सुरक्षाबलों के मूवमेंट के लिए हेलिकॉप्टर के इस्तेमाल करने के सुझाव पर जितेंद्र सिंह ने कहा कि ये बेहतर तरीका है. लेकिन इस पर फैसला गृह मंत्रालय को करना है.
जितेंद्र सिंह ने कहा कि कश्मीर केंद्रित राजनीति जो लोग करते हैं, वे खुद सीआरपीएफ के सुरक्षा घेरे में रहते हैं और जब इन जवानों पर हमला होता है तो उसकी निंदा करने में उनकी जबान लड़खड़ाने लगती है. सुरक्षाकर्मियों पर उंगली उठाने में उन्हें एक क्षण नहीं लगता. सिंह ने कहा कि पाक समर्थित आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई होगी. ये आतंकवाद का आखिरी चरण है. इसमें सुरक्षाबलों को भारी कामयाबी मिली है.
कश्मीरी नेताओं पर भड़कते हुए सिंह ने कहा कि कुछ नेता जो मंत्री, मुख्यमंत्री रहते हुए और कुछ तथाकथित बुद्धिजीवी जल्दी से किताब लिख डालते हैं, उन्होंने कश्मीर को एक इंडस्ट्री बना रखा है. कुछ लोगों की दुकान तो आतंकवाद चलते रहने से ही चल रही है. इन लोगों की जुबान आतंकी को आतंकी कहने में लड़खड़ाती है. यही लोग जवानों की सुरक्षा लेते हैं.
स्थानीय युवक के आतंकी बनने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि इन सबके पीछे पाकिस्तान का हाथ तो है ही, लेकिन सच ये भी है कि कश्मीर का आम युवा अब इन चीजों से तंग आ चुका है. इसी के चलते इस साल भी आईआईटी, जेईई में कश्मीर से 30-40 युवा टॉप कर देश के अन्य कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे हैं. पिछले तीन-चार सालों से आतंक प्रभावित जिलों से युवा पढ़ाई में आगे निकल रहे हैं. कश्मीर का आम युवा अब भारत की मुख्यधारा का इस कदर हिस्सा बन चुका है कि कभी-कभी लगता है कि अन्य प्रदेशों के युवाओं में इतनी जागरूकता नहीं है.
इधर जितेंद्र सिंह के बयान पर नेकां नेता उमर अब्दुल्ला ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्हें अपने बयान पर शर्म आनी चाहिए. कश्मीर की मुख्यधारा के नेताओं ने पीएम मोदी से पहले भी पुलवामा हमले की खुलकर निंदा की है. अब्दुल्ला ने जितेंद्र सिंह पर शहीद जवानों की शहादत पर राजनीति करने का आरोप लगाया.
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