आठ अंग वाले इराकी बच्चे को मिला नया जीवन, नोएडा में हुआ सफल आपरेशन

नोयडा स्थित जेपी अस्पताल के डॉक्टरों ने दुनिया की सबसे मुश्किल सर्जरी करके आठ अंगों वाले इराक के एक बच्चे को सुरक्षित बचा लिया है. इस बच्चे के जन्म से ही आठ अंग थे. तीन चरणों में सर्जरी के बाद अब बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है. करम नामक यह बच्चा अब पूरी तरह से स्वस्थ है.

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करम अपने माता-पिता के साथ करम अपने माता-पिता के साथ

विकास कुमार

  • नई दिल्ली,
  • 15 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 10:43 AM IST

नोएडा स्थित जेपी अस्पताल के डॉक्टरों ने दुनिया की सबसे मुश्किल सर्जरी करके आठ अंगों वाले इराक के एक बच्चे को सुरक्षित बचा लिया है. इस बच्चे के जन्म से ही आठ अंग थे. तीन चरणों में सर्जरी के बाद अब बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है. करम नामक यह बच्चा अब पूरी तरह से स्वस्थ है.

जेपी अस्पताल के डॉक्टरों का दावा है कि विश्व के चिकित्सीय इतिहास में इस तरह के केवल पांच-छह मामले हुए हैं, लेकिन करम का केस सबसे जटिल था. इससे पहले आठ से कम अंगों वाले ही केस सामने आए हैं.

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डॉक्टर आशीष राय के अनुसार इस बीमारी को पोलीमेलिया कहते हैं. यह रेडिएशन पर्यावरणीय कारणों व दवाओं आदि के साइड इफेक्ट्स से हो सकती है. करम के पेट में नाभि के पास से एक पैर व एक हाथ निकले हुए थे. यह छाती की हड्डी से जुड़े थे. एक हाथ व एक पैर कमर व आंत से लगे हुए थे। हृदय, आंत एवं अंडकोष में भी बीमारियां थीं. बच्चे को सिर्फ एक ही किडनी है.

जब बच्चा 17 दिन का था तो उसके माता-पिता जेपी अस्पताल इलाज कराने आए थे. ऑर्थोपेडिक्स विभाग के डॉ. गौरव राठौर ने बताया कि तीन चरणों में बच्चे का इलाज किया गया. प्रथम चरण में पैर के टेढ़ेपन को दूर किया गया. पेट से निकले दो अतिरिक्त अंगों को जटिल माइक्रोस्कोपिक तकनीक से हटाया गया.

बाल हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि बच्चे को हृदय की जटिल बीमारी 'करेक्टेड ट्रांसपोजीशन ऑफ ग्रेट आर्टरीज' थी. धमनियां एवं पंपिंग चैंबर प्राकृतिक बनावट से उल्टी दिशा में थी. अल्प विकसित हृदय को विकसित करने के लिए ऑपरेशन करके अंदर प्लग लगाकर जगह बनाई. ये एक साल में विकसित हो जाएगा.

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