2019 के लोकसभा के चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने ओडिशा के जय पांडा को बड़ी जिम्मेदारी सौपी है. पार्टी ने उन्हें उपाध्यक्ष और प्रवक्ता की जिम्मेदारी दी है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के फैसले के बाद उन्हें पार्टी में इतना बड़ा पद मिला है. बता दें कि कुछ दिनों पहले ही बीजू जनता दल का दामन छोड़ कर पांडा ने भाजपा का दामन थामा था. पार्टी के इस फैसले से साफ है कि वो अपनी पकड़ पूर्वी राज्यों में मजबूत करना चाहती है.
2014 के लोक सभा चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी ओडिशा में कोई खास कमाल नही कर पाई थी. 20 लोकसभा सीटों में से भाजपा को केवल 1 (सुंदरगढ़) सीट ही मिल पाई थी.
हाल ही में नवीन पटनायक की बीजू जनता दल को छोड़ कर भाजपा के साथ आने वाले पांडा ओडिशा से चार बार सांसद रह चुके हैं. साथ ही पांडा बीजद के संस्थापकों में से रहे हैं.
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ मतभेद के बाद पांडा को 24 जनवरी, 2018 को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निलंबित कर दिया गया था. पार्टी को शक था कि पांडा भाजपा के करीबी हो गए हैं. बीजू जनता दल ने बाद में उन पर मनी लांड्रिंग का भी आरोप लगाया था. जिसके बाद मई, 2018 में पांडा ने पहले पार्टी और दो सप्ताह बाद ही लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.
ऐसे में भाजपा में पांडा की मौजूदगी आने वाले ओडिशा के लोकसभा और विधानसभा में पार्टी को फायदा पहुंचा सकती है.
बता दे कि पांडा ओडिशा के एक निजी चैनल के मालिक भी हैं साथ ही वो कॉरपोरेट से जुडे़ रहे हैं. वो 2002 से 2006 के बीच राज्यसभा के दो बार सांसद रहे. जबकि 2009 में वो लोकसभा के लिए चुने गए. साथ ही 2014 में वो केंद्रपाड़ा से चुनकर सांसद बने थे.
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