बगदादी की फौज में शामिल हुआ था कश्मीरी, वापसी के लिए पिता की सरकार से गुहार

अधिकारियों ने रविवार को बताया कि कश्मीर निवासी आदिल अहमद ने अपनी एमबीए की पढ़ाई आस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड से की थी. अहमद 2013 में सीरिया गया था और अपने परिवार को सूचित किया था कि वह वहां एक एनजीओ के साथ काम कर रहा है. हालांकि हकीकत में वह आतंकवादी बगदादी के संगठन आईएसआईएस में शामिल हो गया था.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 जून 2019,
  • अपडेटेड 11:19 PM IST

जम्मू-कश्मीर के एक शख्स ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से गुहार लगाई है कि सीरिया जाकर आतंकवादी संगठन आईएसआईएस में शामिल हो गए उसके बेटे को वापस लाया जाए. आदिल अहमद नाम का ये युवक इस वक्त अमेरिकी फौज की कब्जे में हैं.

जम्मू कश्मीर पुलिस ने इस कश्मीरी व्यक्ति का आवेदन केंद्र को भेज दिया है. अधिकारियों ने रविवार को बताया कि कश्मीर निवासी आदिल अहमद ने अपनी एमबीए की पढ़ाई आस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड से की थी. अहमद 2013 में सीरिया गया था और अपने परिवार को सूचित किया था कि वह वहां एक एनजीओ के साथ काम कर रहा है. हालांकि हकीकत में वह आतंकवादी बगदादी के संगठन आईएसआईएस में शामिल हो गया था.

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2019 के शुरुआत में जब सीरिया में अमेरिका और उसके सहयोगी देश की सेनाओं ने सीरिया में पकड़ मजबूत की तो आईएस के कई आतंकियों के साथ आदिल अहमद ने सरेंडर कर दिया. कश्मीर से आतंकी संगठन आईएसआईएस ज्वाइन करने वाला आदिल पहला युवा है.

आदिल अहमद के पिता फयाज अहमद एक ठेकेदार के तौर पर कार्य करते हैं और एक डिपार्टमेंटल स्टोर भी चलाते हैं। उन्हें अभी भी विश्वास नहीं हो रहा कि उनका बेटा इस खतरनाक आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया है. वह अपने बेटे की सुरक्षित वापसी के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर भटक रहे हैं.

समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि राजधानी दिल्ली में नयी सरकार आने के बाद मेरे बेटे को वापस लाने की दिशा में सरकार कदम बढ़ाएगी.

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अधिकारियों ने बताया कि फयाज अहमद की अर्जी आवश्यक कार्रवाई के लिए नयी दिल्ली में केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को भेज दी गई है. एक अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा, ‘‘यदि आदिल को वापस लाया जाता है तो वह आईएसआईएस के कामकाज के तरीके और उनकी योजनाओं के बारे में बता सकता है.’’

क्वींसलैंड से एमबीए करने के बाद आदिल 21 जून 2013 जॉर्डन के रास्ते तुर्की चला गया था. इस समय उसके पास भारत का पासपोर्ट था. यहां से वह सीरिया पहुंचा. सीरिया में आईएस के कब्जे में आने के बाद इस शख्स ने एक डच महिला से शादी कर दी. ये महिला भी आईएसआईएस के लिए हथियार उठाने आई थी. आदिल और उनकी पत्नी को एक बच्चा भी हुआ, लेकिन सीरिया में ही उस बच्चे की मौत हो गई.

आदिल के परिवार को उसके अमेरिकी फौजों में होने की जानकारी तब मिली जब उसकी डच पत्नी ने आदिल के पिता फयाज अहमद को पूरी घटना की जानकारी दी. 

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