जम्मू-कश्मीर में सब सामान्य तो महबूबा मुफ्ती की बेटी नजरबंद क्यों: चिदंबरम

जम्मू-कश्मीर में करीब दो हफ्ते के बाद सोमवार को स्कूल-कॉलेज खुले, हालांकि स्कूल पहुंचने वाले बच्चों की संख्या काफी कम ही रही. सरकार राज्य में सब कुछ सामान्य होने का दावा कर रही है. इस बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कुछ सवाल किए हैं.

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पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (फाइल फोटो) पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 8:01 PM IST

जम्मू-कश्मीर में करीब दो हफ्ते के बाद सोमवार को स्कूल-कॉलेज खुले, हालांकि स्कूल पहुंचने वाले बच्चों की संख्या काफी कम ही रही. सरकार राज्य में सब कुछ सामान्य होने का दावा कर रही है. इस बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कुछ सवाल किए हैं. उन्होंने पूछा है कि जम्मू-कश्मीर में सब सामान्य है, स्कूल खुले हैं, लेकिन बच्चे नहीं पहुंचे. सब सामान्य है तो इंटरनेट क्यों बंद है. महबूबा मुफ्ती की बेटी को नजरबंद क्यों किया गया है. उन्होंने आगे कहा कि यदि आप सोच रहे हैं कि क्या चल रहा है, तो समझें, ये एक तरह का 'सामान्य' है.

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केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए पूर्व वित्त मंत्री ने ट्वीट किया, "जम्मू कश्मीर में सब कुछ "सामान्य" है। स्कूल खुले हैं, कोई विद्यार्थी नहीं है, जम्मू कश्मीर में सब कुछ "सामान्य" है। इंटरनेट एक बार फिर बंद कर दिया गया है."

बता दें कि जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा जावेद हिरासत में है. लगभग दो-तीन दिन पहले इल्तिजा जावेद ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर पूछा था कि जब पूरा देश भारत की आजादी का जश्न मना रहा है तो कश्मीरी नेताओं को जानवरों की तरह कैद कर दिया गया है और उन्हें बुनियादी अधिकारों से वंचित कर दिया गया है. इसके बाद उसने वॉयस मैसेज जारी करते हुए कहा था कि उन्हें भी हिरासत में ले लिया गया था, क्योंकि उन्होंने मीडिया से बात की थी."

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इस घटनाक्रम का जिक्र करते हुए पी चिदंबरम ने कहा कि सरकार दावा करती है कि जम्मू कश्मीर में सब कुछ "सामान्य" है, महबूबा मुफ्ती की बेटी हाउस अरेस्ट है. उसने पूछा क्यों? कोई जवाब नहीं है. कांग्रेस नेता ने कहा कि यदि आपको आश्चर्य हो रहा है कि ये क्या चल रहा है तो कृपया समझें, यह नए तरह का "सामान्य" है.

इससे पहले पी चिदंबरम ने कहा था कि अगर जम्मू-कश्मीर हिन्दू बहुल राज्य होता तो केंद्र सरकार इस राज्य से अनुच्छेद-370 नहीं हटाती.

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