अनुच्छेद 370 पर मोदी सरकार के फैसले से कांग्रेस दो धड़ों में बंट गई है. मिलिंद देवड़ा, दीपेंद्र हुड्डा, अदिति सिंह समेत कई कांग्रेसी नेता फैसले के साथ हैं. कांग्रेस नेताओं के इस बागी तेवर से जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद नाराज हैं. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जिन लोगों को जम्मू-कश्मीर और कांग्रेस का इतिहास नहीं पता है, उन लोगों से मुझे कोई लेना-देना नहीं है. वो पहले कश्मीर और कांग्रेस का इतिहास पढ़े, फिर कांग्रेस में रहे.
कश्मीर से अचानक अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला लेकर मोदी सरकार ने कांग्रेस की मुश्किल बढ़ा दी है. भले ही कांग्रेस ने संसद में मोदी सरकार के इस कदम का विरोध किया हो लेकिन पार्टी के भीतर इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई है. पार्टी के दिल्ली स्थित मुख्यालय में यह मीटिंग पूरी कराई जाएगी. सूत्रों के मुताबिक सदस्यों को अभी मीटिंग की टाइमिंग नहीं बताई गई है.
पार्टी के सदस्यों से कहा गया है कि संसदीय कार्रवाही खत्म होने के बाद किसी भी समय पार्टी की बैठक बुलाई जा सकती है. कांग्रेस के भीतर ही अनुच्छेद 370 को लेकर मतभेद है. मिलिंद देवड़ा, दीपेंद्र हुड्डा, अदिति सिंह समेत कई कांग्रेसियों ने अनुच्छेद 370 में बदलाव का समर्थन किया है.
कांग्रेस ने दोनों सदनों में किया है विरोध
गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा और फिर मंगलवार को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल को पेश किया था. सोमवार को जब राज्यसभा में ये बिल आया तो कांग्रेस ने इसका विरोध किया. कांग्रेस की ओर से राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने लोकतंत्र के इतिहास का काला दिन बताया था.
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