न मेरा बाप किसी से डरता था, न मैं किसी के बाप से डरती हूं, हम वापस कश्मीर जाएंगे: अजय पंडिता की बेटी

सरकार से नाराज सरपंच अजय पंडिता की बेटी ने कहा कि मेरे पिता ने सुरक्षा मांगी थी, कोई इंसान बिना वजह के सुरक्षा नहीं मांगता है. उन्होंने किसी वजह से सुरक्षा मांगी थी. सरकार की जिम्मेदारी थी उनको सुरक्षा देना. जो चीज उनको मिलनी चाहिए थी वो चीज वो मांग रहे थे, लेकिन मांगने के बाद भी नहीं मिली.

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अजय पंडिता की बेटी  (Aajtak) अजय पंडिता की बेटी (Aajtak)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 जून 2020,
  • अपडेटेड 10:01 PM IST

  • मेरे पिता को नहीं मिली सुरक्षा: अजय पंडिता की बेटी
  • 'मेरे पिता ने सिर्फ गांव से नहीं पूरे देश से प्यार किया'

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल आतंकियों पर कहर बनकर टूट रहे हैं. बुधवार को 5 आतंकी मारे गए हैं. इस हफ्ते आतंकियों के साथ तीसरी मुठभेड़ में 14 दहशतगर्दों को धराशायी किया गया है. लेकिन सुरक्षाबलों की इस कामयाबी के बीच ये सवाल फिर गूंजा है कि कश्मीरी पंडितों को इंसाफ कब? दरअसल, सोमवार को कश्मीर के सरपंच अजय पंडिता की हत्या कर दी गई. आजतक से बात करते हुए अजय पंडिता की बेटी शीन पंडिता ने कहा कि हम कश्मीर वापस जाएंगे. न मेरा बाप किसी से डरता था, न मैं किसी के बाप से डरती हूं.

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सरकार से नाराज अजय पंडिता की बेटी ने कहा कि मेरे पिता ने सुरक्षा मांगी थी, कोई इंसान बिना वजह के सुरक्षा नहीं मांगता है. उन्होंने किसी वजह से सुरक्षा मांगी थी. सरकार की जिम्मेदारी थी उनको सुरक्षा देना. जो चीज उनको मिलनी चाहिए थी वो चीज वो मांग रहे थे, लेकिन मांगने के बाद भी नहीं मिली.

ये भी पढ़ें- अजय पंडिता की हत्या से खौफ में घाटी के सरपंच, जम्मू हो रहे हैं शिफ्ट

उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने अपने नाम के आगे भारतीय लगा दिया था. वो कहते थे अगर मुझे कभी कुछ होगा तो मेरी पहचान भारतीय होनी चाहिए. वो देश से बहुत प्यार करते थे. मेरे पिता ने सिर्फ गांव से नहीं पूरे देश से प्यार किया.

सरकार हत्यारों को ढूंढे

अजय पंडिता की बेटी ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के जाने के बाद भी मेरे पिता ने यहां पर सेवा की. वो और भी ज्यादा सेवा करना चाहते थे. मेरी सरकार से गुजारिश की वो मेरे पिता के हत्यारों को ढूंढे. मेरे पिता को जिन्होंने मारा उनको कोई डर नहीं है. वो सामने आकर बोले हां हमने किया.

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सरपंच की बेटी ने कहा कि मेरे पिता छोटे से गांव के सरपंच थे. आतंकियों को क्या जरूरत पड़ी उनको मारने की. मेरे पिता को इस वजह से मारा गया क्योंकि वो एक पंडित थे. इस देश का फर्ज है कि अब वो मेरे पिता के हत्यारों को ढूंढे.

उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने धारा 370 हटने का इंतजार नहीं किया. वो बहादुर थे. 370 जब हटा था तो मैंने अपने पिता को कहा था कि 370 हट गया. तब मेरे पिता ने कहा था कि एक धारा ही तो थी. हट गया तो ठीक है. अगर कुछ हुआ तो हम खुश हो जाएंगे. अगर नहीं हुआ तो हम लोग देश के लिए हैं. मेरे पिता निडर थे, हमारा पूरा परिवार निडर है. हम फिर वहां वापस जाएंगे. हम किसी से नहीं डरते हैं.

सरपंच की बेटी ने कहा कि वो हमारी मातृभूमि है. हम वहां वापस क्यों नहीं जाएं. लोगों को सुरक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी है.

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