अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: लद्दाख में बर्फ की चादर पर ITBP के जवानों ने किया योग

सिक्किम में भी आईटीबीपी के जवानों ने योग और प्राणायाम किया. तस्वीरों में लद्दाख के मुकाबले सिक्किम में अपेक्षाकृत कम बर्फ दिख रही है. लेकिन यहां का दृश्य बेहद सुंदर नजर आ रहा है.

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लद्दाख में योग करते आईटीबीपी के जवान (फोटो-आजतक) लद्दाख में योग करते आईटीबीपी के जवान (फोटो-आजतक)

जितेंद्र बहादुर सिंह

  • लद्दाख,
  • 21 जून 2020,
  • अपडेटेड 8:41 AM IST

  • लद्दाख में तापमान जीरो से नीचे
  • 18 हजार फीट की ऊंचाई पर योग
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर लद्दाख में 18 हजार फीट की ऊंचाई पर आईटीबीपी के जवानों ने योग और प्राणायाम किया. लद्दाख में बर्फ से ढकी सफेद जमीन पर आईटीबीपी जवानों के एक दल ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर योग अभ्यास किया. लद्दाख में जिस जगह पर इन जवानों ने योग किया वहां तापमान जीरो डिग्री से नीचे है. बर्फ की सफेद चादर पर जवानों का योग अभ्यास बेहद मनोरम दृश्य प्रस्तुत कर रहा था.

बता दें कि हाल ही में लद्दाख में ही भारत और चीन की सेना के बीच हिंसक झड़प हुई है. लद्दाख में ही भारत की चीन की सीमा लगी है. इस सीमा की निगरानी आईटीबीपी के जवान करते हैं.

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लद्दाख में ITBP जवानों का योग (फोटो-आजतक)

पढ़ें- पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमित लोग ले रहे योग से ताकत: पीएम मोदी

आज योग दिवस के मौके पर बर्फ की सफेद चादर के बीच काला चश्मा लगाए आईटीबीपी के जवानों ने लद्दाख में योग किया. सिक्किम में भी आईटीबीपी के जवानों ने योग और प्राणायाम का अभ्यास किया. तस्वीरों में लद्दाख के मुकाबले सिक्किम में अपेक्षाकृत कम बर्फ दिख रही है. लेकिन यहां का दृश्य बेहद सुंदर नजर आ रहा है. नीले आसमान और बादलों के समागम के नीचे आईटीबीपी के जवानों ने योग किया.

सिक्किम में योग करते ITBP के जवान (फोटो-आजतक)

पढ़ें- योग साधक संकट में कभी धैर्य नहीं खोता, अपना काम ठीक से करना भी योग: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर देश और दुनिया को धैर्य और कर्म का संदेश दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि योग का साधक संकट में कभी धैर्य नहीं खोता है. उन्होंने कहा कि योग का अर्थ ही है- समत्वम् योग उच्यते. यानी अनुकूलता-प्रतिकूलता, सफलता-विफलता, सुख-संकट, हर परिस्थिति में समान रहने, अडिग रहने का नाम ही योग है. गीता में भगवान कृष्ण ने योग की व्याख्या करते हुए कहा है- ‘योगः कर्मसु कौशलम्’अर्थात्, कर्म की कुशलता ही योग है.

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