20 वर्षों के बाद राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में दिखेगी ITBP की झांकी

साथ ही मध्य और पीछे के हिस्से में नदी या अवरोध पार करने, हिमालय में बचाव अभियानों में स्थानीय संसाधनों का कुशल उपयोग को डमी के माध्यम से परिलक्षित किया गया है.

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ऐसी होगी झांकी ऐसी होगी झांकी

अंकुर कुमार / जितेंद्र बहादुर सिंह

  • नई दिल्ली ,
  • 24 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 7:33 PM IST

भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) द्वारा प्रस्तुत झांकी इस बार गणतंत्र दिवस परेड का एक विशेष आकर्षण होगी. इस झांकी में हिमालयी क्षेत्रों में बल द्वारा पेट्रोलिंग, बर्फ वाले क्षेत्र, पर्वतारोहण में बल की उपलब्धियां, रिवर राफ्टिंग और साहसिक खेलों, शीत वस्त्र उपकरणों आदि को दर्शाया गया है. इस झांकी के आगे वाले भाग पर स्नो स्कूटर को स्थापित किया गया है.

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साथ ही मध्य और पीछे के हिस्से में नदी या अवरोध पार करने, हिमालय में बचाव अभियानों में स्थानीय संसाधनों का कुशल उपयोग को डमी के माध्यम से परिलक्षित किया गया है. बल की महिला कर्मियों की टुकड़ी इस झांकी का हिस्सा होंगी, जो इसके साथ दोनों ओर मार्च करेंगी. 2016 से महिला कर्मियों को भी हिमालय की सीमाओं पर तैनात किया है. झांकी के दौरान आईटीबीपी का बल गीत ‘हम सरहद के सेनानी’ झांकी की पृष्ठभूमि में सुनाई देगा. पर्वतारोहण में अग्रणी आईटीबीपी ने रिकॉर्ड 208 पर्वतारोहण अभियानों का सफल संचालन किया है.

बल की झांकी अंतिम बार वर्ष 1998 में राजपथ पर दिखी थी. इसमें बल के विश्व स्तर के पर्वतारोहियों और विश्व की कुछ सबसे ऊंची चोटियों को प्रदर्शित किया गया था. आईटीबीपी जम्मू कश्मीर के काराकोरम से अरुणाचल प्रदेश के जेचप ला तक हिमालय के 5 राज्यों की दुरूह मौसमी और धरातलीय सीमाओं की सुरक्षा हेतु तैनात है और इसकी चौकियां 3 हज़ार से 19 हज़ार फीट तक की ऊंचाइयों में स्थित हैं.

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