महिलाओं को आर्थिक तौर पर सशक्त बनाने के लिए भारतीय रेलवे देश भर में फैले सभी रेलवे स्टेशनों पर खाने-पीने की दुकानों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने जा रही है. 29 सितंबर को रेलमंत्री सुरेश प्रभु इस बारे में बनाई गई रेलवे की पॉलिसी को सार्वजनिक करेंगे.
गौरतलब है कि इस बार के रेल बजट में कैटरिंग क्षेत्र में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का प्रस्ताव था. रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक कैटरिंग स्टॉल में महिलाओं का आरक्षण हर तरह के आरक्षण के कोटे के अंदर भी होगा. मसलन एससी, एसटी, ओबीसी और दिव्यांग कैटेगरी में दिए गए स्टॉलों में से 33 फीसदी स्टॉल संबंधित कैटेगरी की महिलाओं को दिए जाएंगे.
देश भर में रेलवे के सभी जोनों को खाने-पीने के स्टॉलों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिए जाने के निर्देश दे दिए गए हैं. सभी रेलवे जोन को कहा गया गया है कि वो महिलाओं को 33 फीसदी स्टॉल दिया जाना सुनिश्चित करें और इस बारे किए गए नीतिगत बदलाव को लागू करें. खास बात ये है कि रेलमंत्री ने सभी रेलवे जोन के जनरल मैनेजर्स को निर्देश दिया है कि वो हर महीने महिलाओं को दिए गए कैटरिंग स्टॉल के बारे में रिपोर्ट बनाकर मंत्रालय को भेजें. रेल मंत्री सुरेश प्रभु का मानना है कि महिलाओं को आर्थिक रुप से मजबूत करने से सामाजिक विकास में असमानता को दूर किया जा सकेगा.
रेलवे स्टेशनों पर खाने-पीने के स्टॉल देने में स्थानीय लोगों को वरीयता देने की बात भी रेलवे की नई पॉलिसी में कही गई है. इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के बेहतर अवसर मिलने की संभावना है. रेलवे की नई नीति के मुताबिक उन लोगों को इन ठेकों में वरीयता दी जाएगी जो बेरोजगार हैं और पढ़े-लिखे हैं. इसी के साथ आईआरसीटीसी को भी निर्देश दिया गया है कि वो अपने सभी कैटरिंग ठेकों में 33 फीसदी महिला आरक्षण को लागू करे. इसके लिए सभी ई-ठेकों की नीति बदलाव किए जाने के निर्देश दे दिए गए हैं.
सिद्धार्थ तिवारी / सबा नाज़