भारतीय करेंसी नोट को AAP ने बताया चाइनीज, PM मोदी से पूछे 5 सवाल

आम आदमी पार्टी ने भारतीय करेंसी नोट को चाइनीज बताया है. साथ ही आम आदमी पार्टी के नेताओं ने पीएम नरेंद्र मोदी से 5 सवाल पूछे हैं.

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AAP ने भारतीय करेंसी नोट को बताया चाइनीज AAP ने भारतीय करेंसी नोट को बताया चाइनीज

मोनिका गुप्ता / पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 14 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 10:58 AM IST

आम आदमी पार्टी ने केंद्र की मोदी सरकार से देश के करेंसी नोट चीन में छपवाने को लेकर सवाल पूछे हैं. राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता ने आरोप लगाते हुए सवाल उठाया है कि क्या भारत नोटों की छपाई का काम गुपचुप तरीके से चीन को आउटसोर्स कर रहा है? पूरे मामले में 'आप' नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 5 सवाल भी पूछे हैं.

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नोटबंदी के बाद चलन में आए नए नोटों को आम आदमी पार्टी नेताओं ने चाइनीज नोट बताया है.

'आप' प्रवक्ता राघव चड्ढा ने चीन के एक वित्तीय अखबार की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि चीन सरकार की एक कंपनी ‘चाइना बैंकनोट प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन’ को बड़े पैमाने पर अलग-अलग देशों के करेंसी नोट छापने का ठेका मिला है, जिसमें भारत का नाम भी शामिल है.

आम आदमी पार्टी के मुताबिक, रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल तक इस चीनी कंपनी में नोटों की छपाई का काम काफी धीमि गति पर था. लेकिन इस साल उत्पादन में अचानक ही उछाल देखा जा रहा है.

'आप' प्रवक्ता  राघव चड्ढा का कहना है, 'अगर नोटबंदी किए जाने के पीछे का सबसे बड़ा कारण कैशलैस अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ना था तो, ये बात समझ से परे है कि, दस रुपये के नोट के आकार-प्रकार में फेरबदल की क्या ज़रूरत थी. सवाल खड़े होते हैं कि, इन नोटों की नए सिरे कराई जाने वाली छपाई पर आने वाले खर्च के पीछे, असली फायदा किसका हो रहा है. हमारी मांग है कि, प्रधानमंत्री सामने आकर नोटों की छपाई को आउटसोर्स किए जाने वाली इन खबरों का खुला खंडन करें या फिर स्वीकार करें.'

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AAP के प्रधानमंत्री से 5 सवाल -

1- अगर ये खबरें सच हैं तो इन सूचनाओं को आम जनता से क्यों छुपाया जा रहा है? नोटों की छपाई के लिए एक विदेशी कंपनी को क्यों चुना गया? क्या कोई भारतीय उपक्रम इस नोटछपाई के इस काम में सक्षम नहीं था? या फिर भारत सरकार ने ये कदम, चाईना द्वारा अपने वैष्विक दबदबे को बढ़ाने की रणनीति के दबाव में उठाया?

2- इस मुद्दे का एक और संदेहास्पद पहलू ये है कि, चीन के साथ भारतीय करेंसी नोट छापवाने का ये कथित करार, नकली/जाली नोटों के खिलाफ हमारी लड़ाई को और कमज़ोर करेगा. भारत सरकार द्वारा उठाया गया ये कदम हमें एक ऐसी स्थिति में खड़ा कर रहा है, जहां हम खुद, जाली नोट छापने के और भी अंतरराष्ट्रीय ठिकाने बनने को प्रोत्साहन दे रहे हैं?

3- नोटों की छपाई की सुरक्षा को लेकर अगर कोई उल्लंघन होता है तो भारत के पास ऐसी परिस्थिति से निपटने के क्या उपाय है? खासकर तब जब वो घटना भारतीय कानून प्रणाली के दायरे से बाहर घटित हो?

4- ऐसी परिस्थिति में हम भारत सरकार से ये भी जानना चाहेंगे कि विदेश में छप रही हमारी करेंसी, कब से छप रही है और कितनी मात्रा में? क्या ऐसे विदेश में छपे नोटों का इस्तेमाल नोटबंदी के दौरान भी हुआ था?

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5- अगर भारतीय करेंसी की छपाई चीन को आउटसोर्स किये जाने के पीछे मुख्य कारण ‘लागत में कटौती’ था तो क्या ये कारण देश की करेंसी की संप्रभुता बनाये रखने की ज़रूरत से बड़ा था?

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता का कहना दो सालों में भारतीय करेंसी में भारी फेरबदल देखा गया, जिसके पीछे कोई ठोस कारण नहीं दिखाई पड़ते. साल 2016 में 8 नवंबर के दिन नोटबंदी लागू की गई, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर डाला. नोटबंदी को लेकर हाल ही में हुए कुछ ऐसे खुलासे, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनज़र संवेदनशील हैं, जो प्रधानमंत्री से कुछ सवाल पूछने पर मजबूर कर रहे हैं.

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