बेरोजगारी मुद्दा पर क्वालिटी ऑफ एजुकेशन पर विशेषज्ञों ने उठाए सवाल

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में टीवी टुडे नेटवर्क के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई के पूछे गए सवाल की देश की अर्थव्यवस्था को कैसे देखती हैं, इसके जवाब में डॉ शमिका रवि ने माना कि अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी है लेकिन संकट में है, ऐसा नहीं है. बड़ी अर्थव्यवस्था है, युवा देश है. गरीबी का आंकड़ा घटा है. पिछले कुछ वर्षों को देखें तो ऐसा कोई कारण नजर नहीं आता कि हम आगे नहीं बढ़ सकते.

Advertisement
Rajdeep Sardesai, Ritu  Dewan, Roopa Purushothaman and Shamika Ravi Rajdeep Sardesai, Ritu Dewan, Roopa Purushothaman and Shamika Ravi

aajtak.in

  • मुंबई,
  • 20 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 3:52 PM IST

  • क्वालिटी ऑफ एजुकेशन को लेकर उठे सवाल
  • सरकार के फैसलों से बदलाव दिखेगा

देश की अर्थव्यवस्था को लेकर इनदिनों चर्चा जोरों पर है. इसी मुद्दे पर इंडिया टुडे कॉनक्लेव 2019 में पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य डॉ शमिका रवि, टाटा संस के चीफ इकोनॉमिस्ट और पॉलिसी एडवोकेसी की चीफ रूपा पुरुषोत्तम, इंडियन सोसायटी ऑफ लेबर इकोनॉमिक्स की वाइस प्रेसिडेंट डॉ रितू दीवान ने अपनी राय रखी. देश की अर्थव्यवस्था किस ओर जा रही है इसको लेकर पूछे गए सवालों के भी जवाब दिए.

Advertisement

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में टीवी टुडे नेटवर्क के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई के पूछे गए सवाल की देश की अर्थव्यवस्था को कैसे देखती हैं, इसके जवाब में डॉ शमिका रवि ने माना कि अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी है लेकिन संकट में है, ऐसा नहीं है. बड़ी अर्थव्यवस्था है, युवा देश है. गरीबी का आंकड़ा घटा है. पिछले कुछ वर्षों को देखें तो ऐसा कोई कारण नजर नहीं आता कि हम आगे नहीं बढ़ सकते. बेरोजगारी और ग्रामीण इलाकों में गरीबी को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा फोकस ग्रामीण इलाकों पर है. जनधन योजना, उज्ज्वला योजना,आयुष्मान भारत, स्वच्छ भारत अभियान इन सभी योजनाओं के जरिए गांवों में विकास हुआ है. छोटे शहरों में एफएमसीजी सेक्टर में काफी ग्रोथ देखने को मिली है.

देश में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर डॉ शमिका रवि ने कहा कि नौकरी को लेकर हमारे यहां थोड़ी धारणा गलत है. सबकुछ सरकार ही करेगी ऐसा नहीं है. देश में कई राज्य हैं, उन्होंने गुजरात और कर्नाटक का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां बेरोजगारी के आंकड़े को देखिए .वहीं केरल के आंकड़े को देखिए. अंतर साफ दिखेगा. गुजरात, कर्नाटक ,तेलंगाना को देखिए जॉब विदआउट ग्रोथ संभव नहीं है. राष्ट्रीय स्तर पर अलग आंकड़े हैं और राज्य स्तर पर अलग है. डॉ शमिका रवि ने क्वालिटी ऑफ एजुकेशन को लेकर भी सवाल उठाए, सिर्फ ग्रेजुएट होना बड़ी बात नहीं. उन्होंने कहा कि यही समस्या चीन में आज से बीस साल पहले थी लेकिन चीन इस समस्या से आज बाहर है. हमें भी क्वालिटी ऑफ एजुकेशन पर जोर देना होगा. आने वाले वक्त में सरकार की ओर से जो कदम उठाए जा रहे  हैं उससे बदलाव दिखेगा.

Advertisement

इंडियन सोसायटी ऑफ लेबर इकोनॉमिक्स की वाइस प्रेसिडेंट डॉ रितू दीवान ने नोटबंदी को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भारी झटका बताया. उन्होंने कहा कि नोटबंदी से भारतीय अर्थव्यवस्था को भारी झटका लगा और इससे कई तरह की समस्याएं पैदा हुईं. नोटबंदी का सबसे बुरा असर ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर देखने को मिला. जब उनसे कहा गया कि भारतीय अर्थव्यवस्था को दो नजरिये से देखा जा रहा है. एक नजरिया यह है कि गिलास आधा खाली है जबकि दूसरा नजरिया यह है कि गिलास आधा भरा हुआ है.  प्रधानमंत्री गिलास को हमेशा भरा हुआ ही देखते हैं. इस पर रितू दीवान ने कहा कि गिलास क्रैक कर चुका है.

रितू दीवान ने मोदी सरकार के उज्ज्वला योजना की तारीफ की, लेकिन उन्होंने कहा कि लोग सिलेंडर नहीं भरा पा रहे हैं इसकी चिंता करनी होगी. उन्होंने कहा कि गांवों में लोगों के पास सबसे बड़ा धन भूमि है, भूमि सुधार की जरूरत है. राजदीप सरदेसाई के एक पूछे गए सवाल कि आज से 30 वर्ष बाद देश की अर्थव्यवस्था को कैसे देखती हैं उन्होंने कहा कि मैं  तो अगले साल की चिंता कर रही हूं. 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी को लेकर भी उन्होंने शंका जाहिर की.

टाटा संस की चीफ इकोनॉमिस्ट और पॉलिसी एडवोकेसी की चीफ रूपा पुरुषोत्तम ने अर्थव्यवस्था को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि मौका भी है लेकिन कई बाधाएं भी हैं. निजी क्षेत्र के हिसाब देखें तो अर्थव्यवस्था बदलाव के दौर में है. टाइट फंडिंग का इश्यू है. सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया के कई देश स्लो डाउन के दौर से गुजर रहे हैं. रूपा पुरुषोत्तम ने कहा कि कई पाॉलिसी को लेकर भी अनिश्चितता है खासकर ऑटो सेक्टर में. रूपा पुरुषोत्तम ने गाड़ियों के हायर रजिस्ट्रेशन फीस को लेकर भी चिंता जताई. साथ बीएस 6 को भी लेकर बात कही.

Advertisement

चीफ रूपा पुरुषोत्तम ने कहा कि दूसरे देश कैसा कर रहे हैं हमें इसे भी देखना होगा. नेचर ऑफ ग्रोथ कैसा है इस ओर भी देखना होगा. क्वालिटी ऑफ एजुकेशन की बात रूपा पुरुषोत्तम ने भी कही. महिलाओं का योगदान किस प्रकार है इस ओर भी देखना होगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement