कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने एक बार एलएसी विवाद का मसला उठाया है. चिदंबरम ने कहा कि गलवान घाटी पर चीन ने फिर से अपना दावा ठोका है, क्या एनडीए सरकार फिर से मांग करेगी कि यथास्थिति बहाल होनी चाहिए. क्या सरकार यथास्थिति बहाल करने में सफल होगी.
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने गुरुवार को कहा, 'चीन के विदेश मंत्रालय और पीएलए ने एक बार फिर पूरी गलवान घाटी पर अपना दावा ठोक दिया और मांग की कि भारत घाटी को खाली कर दे. असाधारण मांग है. क्या बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार एक बार फिर भारत का दावा बरकरार रखेगी और मांग करेगी कि यथास्थिति बहाल होनी चाहिए?'
कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कहा उसके विपरीत, यह निर्विवाद है कि चीनी सैनिकों द्वारा अप्रैल-जून 2020 में यथास्थिति बदल दी गई थी. लोग देख रहे हैं कि क्या मोदी सरकार यथास्थिति बहाल करने में सफल होगी.'
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इससे पहले पी. चिदंबरम ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के सवाल का जवाब देते हुए कहा था, 'जेपी नड्डा ने पूर्व पीएम डॉक्टर मनमोहन सिंह से 2010 से 2013 के बीच भारत में 600 चीनी घुसपैठों को समझाने के लिए कहा. हां, वहां घुसपैठ हुई थी, लेकिन चीन ने कोई भारतीय क्षेत्र कब्जा नहीं किया और हिंसक झड़पों में भारतीय सैनिकों की जान नहीं गई थी.'
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बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से ही सवाल पूछते हुए पी. चिदंबरम ने कहा था, 'क्या जेपी नड्डा वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी से 2015 से अब तक 2264 चीनी घुसपैठों के बारे में बताने के लिए कहेंगे? मुझे यकीन है कि वह उस प्रश्न को पूछने की हिम्मत नहीं करेंगे.'
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