भारत-चीन मतभेदों को विवाद ना बनने दें: विदेश सचिव एस जयशंकर

विदेश सचिव एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत और चीन अपने मतभेदों को विवाद ना बनने दें. उन्होंने कहा कि भारत और चीन अतीत में भी सीमा विवादों से निपट चुके हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि कोई ऐसा कारण नहीं दिखाई दे रहा कि इस बार विवाद से नहीं निपट पाएंगे.

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 विदेश सचिव एस जयशंकर विदेश सचिव एस जयशंकर

केशवानंद धर दुबे / BHASHA

  • नई दिल्ली,
  • 11 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 4:34 PM IST

विदेश सचिव एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत और चीन अपने मतभेदों को विवाद ना बनने दें. उन्होंने कहा कि भारत और चीन अतीत में भी सीमा विवादों से निपट चुके हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि कोई ऐसा कारण नहीं दिखाई दे रहा कि इस बार विवाद से नहीं निपट पाएंगे.

उन्होंने कहा, एशियाई देशों पर भारत और चीन के संबंधों पर भी काफी असर पड़ेगा.  उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि हम दो महाशक्तियों की निकटता के बारे में जागरूक हैं.  ऐसा उन्होंने  पर एक व्याख्यान के दौरान  सिक्किम सेक्टर के डोकालाम में भारतीय एवं सैन्य बलों के बीच मुठभेड़ को लेकर प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा. इस व्याख्यान का आयोजन ली कुआन स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी एवं भारतीय उच्चायोग ने किया था. उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पहली बार नहीं हुआ है.

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उन्होंने कहा, हम पहले भी इस प्रकार की स्थिति से निपटे हैं, इसलिए मुझे ऐसा कोई कारण नजर नहीं आता कि ऐसी स्थिति पैदा होने पर हम इससे निपट नहीं पाएंगे. भूटान, भारत एवं चीन की सीमा के निकट डोकालाम में चीनी सेना के निर्माण दल ने एक सड़क बनाने की कोशिश की थी. इसके बाद करीब तीन सप्ताह से वहां भारत एवं चीन के बीच गतिरोध बना हुआ है.

भूटान इस क्षेत्र को डोकालाम के नाम से मान्यता देता है. इसका भारतीय नाम डोका ला है, जबकि चीन दावा करता है कि वह उसके डोंगलांग क्षेत्र का हिस्सा है. भारत और चीन के बीच जम्मू कश्मीर से अरुणाचल प्रदेश तक 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा है जिसमें 220 किलोमीटर का क्षेत्र सिक्किम में पड़ता है.

 

 

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